ईटानगर. अरुणाचल प्रदेश से दो सितंबर को लापता हुए और बाद में चीनी क्षेत्र में पाए गए पांच युवकों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) ने शनिवार को भारत को सौंप दिया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब दोनों देशों के बीच एलएसी के पास तनाव की स्थिति बनी हुई है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर बताया, "अरुणाचल प्रदेश के सभी 5 भारतीय युवा जो पीएलए से हमारी सेना द्वारा किबिथु में प्राप्त किए गए थे, वे फिट और ठीक हैं। हालांकि उन्हें अभी तकुछ अवधि के लिए quarantine किया जाएगा। मैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी तत्परता दिखाने के लिए धन्यवाद देता हूं।"
11 दिन बाद लाया गया भारत
रक्षा सूत्रों ने कहा है कि लापता हुए इन पांचों युवाओं को 11 दिन बाद भारत लाया गया है। बताया गया था कि इनका अपहरण कर लिया गया है। पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के अंजाव जिले के किबिथू के पास दमाई में इन पांचों लोगों को भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया।
रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ष वर्धन पांडे ने एक बयान में कहा, "शनिवार को किबिथू में सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद चीनी सेना ने भारतीय सेना को पांचों युवकों को सौंप दिया है। कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत इन लोगों को 14 दिन क्वारंटीन में रखा जाएगा, फिर इन्हें इनके परिवारों को सौंपा जाएगा।"
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने मंगलवार को भारतीय सेना को जानकारी दी थी कि सुबनसिरी जिले में चीन-भारतीय सीमा से 2 सितंबर को लापता हुए, पांचों उनके इलाके में मिले थे। रक्षा सूत्रों ने कहा था कि भारतीय सेना के लगातार प्रयासों से ये लोग वापस मिले हैं। इन लोगों ने 2 सितंबर को अनजाने में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार कर लिया था।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस घटना के बारे में तब जानकारी मिली, जब समूह के दो सदस्य जंगल से घर लौट आए और उन्होंने ग्रामीणों को पांच लोगों के अपहरण की जानकारी दी। इन लोगों का सेरा 7 से अपहरण किया गया था, जो भारतीय सेना के गश्ती क्षेत्र से लगभग 12 किमी दूर नाचो के उत्तर में स्थित है।
नाचो मैकमोहन लाइन के करीब अंतिम प्रशासनिक सर्किल है। यह ऊपरी सुबनसिरी जिला मुख्यालय दार्पोजियों से करीब 120 किमी दूर है, जो कि राज्य की राजधानी ईटानगर से 280 किमी दूर है। बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन की 1,080 किलोमीटर लंबी सीमा है।
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