नई दिल्ली: भगोड़े व्यापारी विजय माल्या को हवाई अड्डों पर गिरफ्तार करने के लिए उसके खिलाफ जारी पहले लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को बदल दिया गया था क्योंकि उसकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त कारण नहीं थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्र ने कहा, "वह संसद का सदस्य था और उसके खिलाफ कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं था। ऐसे में एजेंसी को एलओसी में 'गिरफ्तारी' शब्द को हटाकर इसे 'उसके विदेश जाने पर सीबीआई को सूचित करें' से परिवर्तित करना पड़ा।"
सूत्र ने कहा कि माल्या तब जांच में सहयोग कर रहा था और एजेंसी बैंकों से तब भी सबूत इकट्ठा कर रही थी। इन हालात में सीबीआई अधिकारियों ने आव्रजन अधिकारियों को एलओसी में परिवर्तन करने के लिए लिखा।
अब निष्क्रिय हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक के खिलाफ पहला एलओसी 16 अक्टूबर 2015 को जारी किया गया था। दूसरा एलओसी 24 नवंबर 2015 को जारी किया गया, जिस दिन माल्या ब्रिटेन से लौटा।
सूत्र ने कहा कि माल्या नोटिस जारी होने के बाद भी दस्तावेज और एजेंसी के सवालों के जवाब देता रहा।उन्होंने कहा कि नए एलओसी के जारी होने के बाद माल्या तीन बार पूछताछ के लिए आया और चार बार विदेश यात्रा पर गया।
माल्या दो मार्च, 2016 को देश छोड़कर चला गया। उस पर 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर बैंकों को धोखा देने का आरोप है। माल्या फिलहाल लंदन में है जहां एक अदालत ने भारत द्वारा दायर उसके प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई खत्म की है और अपना फैसला 10 दिसम्बर के लिए सुरक्षित रखा है।
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