गुवाहाटी/तिनसुकिया: ऑयल इंडिया ने बताया है कि असम के बागजान गैस कुएं में लगी आग पर 5 महीने की कड़ी मशक्कत के बाद रविवार को पूरी तरह काबू पा लिया गया। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में गैस का कुआं पूरी तरह बंद हो गया है। पूर्वोत्तर की सबसे बुरी औद्योगिक आपदा में ऑयल इंडिया के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। विदेशी विशेषज्ञों सहित कई दलों के संयुक्त प्रयासों से कुएं में लगी आग पर काबू पाने की प्रक्रिया में कई बार नाकामी का सामना भी करना पड़ा।
’24 घंटे बाद फिर होगी कुएं की जांच’
ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) के प्रवक्ता त्रिदिव हजारिका ने एक बयान में कहा, ‘कुएं को नमकीन घोल से नष्ट कर दिया गया है और अब हालात नियंत्रण में हैं। आग को पूरी तरह बुझा दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि अब कुएं में कोई दबाव नहीं है और अगले 24 घंटों में यह जांचना होगा कि कहीं किसी गैस के रिसाव या दबाव का निर्माण तो नहीं हो रहा है। हजारिका ने कहा, ‘कुएं को छोड़ने के लिए आगे का काम जारी है।’ साथ ही उन्होंने बताया कि सिंगापुर की कंपनी अलर्ट डिजास्टर के विशेषज्ञ इस काम में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।
‘आग के चलते गई 3 लोगों की जान’
कंपनी के निदेशक (खोज और विकास) पी. चंद्रशेखरन, निदेशक (संचालन) पी. के. गोस्वामी और रेजिडेंट चीफ एक्जेक्यूटिव डी. के. दास ने कुएं को सफलतापूर्वक बंद किए जाने के बाद मौके पर जाकर मुआयना किया और एलर्ट के विशेषज्ञों के साथ उनकी विस्तृत बातचीत हुई। तिनसुकिया जिले के बागजान में कुआं संख्या 5 में 27 मई से गैस बेकाबू हो गई थी और इसने 9 जून को आग पकड़ ली, जिसमें OIL के 2 कर्मचारियों की मौत हो गई। इसके बाद 9 सितंबर को OIL के एक 25 वर्षीय इलेक्ट्रिकल इंजीनियर को उच्च वोल्टेज के बिजली के झटके के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी।
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