बेंगलुरु: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा ने 49 जानी-मानी हस्तियों पर प्राथमिकी दर्ज होने को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि उन्हें सार्वजनिक रूख अपनाकर असहमति को स्वीकार करना चाहिए और देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन देना चाहिए।
उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने जिस ‘नए भारत’ का वादा किया था, उसमें क्या सरकार या उसकी नीतियों की आलोचना करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। गौड़ा ने मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘आपको खत लिखने वाले उन 49 भारतीय नागरिकों के खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी का हम मजबूत तरीके से विरोध करते हैं।’’ उन्होंने अपने पत्र में कहा, ‘‘हम आपसे अपील करते हैं कि आप सार्वजनिक रुख अपनाकर देश को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दें।’’
निर्देशक अपर्णा सेन, अदूर गोपालकृष्णन और लेखक रामचंद्र गुहा समेत अन्य द्वारा जुलाई में प्रधानमंत्री को खत लिख मॉब लिंचिंग (पीट-पीटकर हत्या) की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई गयी थी। बिहार के मुजफ्फरपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद इन हस्तियों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है। याचिका एक स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा ने दर्ज कराई थी। खत लिखनेवालों के खिलाफ राजद्रोह, धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है।
उन्होंने कहा कि जाति, विश्वास, धर्म, लिंग और राजनीतिक झुकाव से इतर लोगों के कल्याण के लिए जिम्मेदार नेता को अपनी चिंता के बारे में पत्र लिखना कबसे प्राथमिकी की वजह बनने लगी? गौड़ा ने पूछा, ‘‘ आपने देश को जिस ‘नए भारत’ का वादा किया है उसमें सरकार या उसकी नीतियों की आलोचना करनेवालों के खिलाफ क्या प्राथमिकियां दर्ज होगी।’’
उन्होंने कहा कि क्या प्रधानमंत्री एक ऐसे ‘नए भारत’ का निर्माण करना चाहते हैं जहां देश के नागरिकों की बात न सुनी जाए और उनकी चिंताओं का निपटारा न किया जाए। गौड़ा ने कहा कि वह यह विश्वास करना चाहेंगे कि प्रधानमंत्री भी अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का समर्थन करेंगे ताकि ‘मन की बात’ कहीं ‘मौन की बात’ में न बदल जाएं।
Latest India News