नई दिल्ली: GST के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था में एक और बड़ा बदलाव दस्तक दे रहा है। सूत्रों की मानें तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अगले वित्तीय वर्ष को जनवरी से दिसंबर कर सकती है। फिलहाल भारत का फाइनेंशियल कैलेंडर अप्रैल से मार्च के बीच चलता है। वित्त वर्ष में होने वाले इस बड़े बदलाव के चलते आगामी आम बजट नवंबर 2018 में पेश किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह 150 साल पुरानी परंपरा का अंत होगा।
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी की ओर से बदलाव की वकालत किए जाने के बाद सरकार फाइनैंशल इयर को कैलेंडर ईयर जैसा रखने के लिए काम कर रही है। हालांकि बजट में बदलाव की शुरुआत इस साल हो चुकी है। पहली बार बजट को फरवरी की आखिरी तारीख की बजाए 1 फरवरी को पेश किया गया है।
सरकार जिस प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है, उसके मुताबिक संसद का बजट सत्र दिसंबर से पहले शुरू होगा ताकि बजट की प्रक्रिया को साल की समाप्ति तक पूरा किया जा सके। उल्लेखनीय है कि बजट की प्रक्रिया को पूरा करने में करीब दो महीने का वक्त लगता है, ऐसे में इस बात की संभावना जताई जा रही है कि सरकार नवंबर के पहले सप्ताह में आम बजट पेश कर सकती है।
फिलहाल देश भर में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलता है, इस व्यवस्था को 1867 में अपनाया गया था। नीति आयोग ने भी अपने एक नोट में कहा था कि फाइनैंशल इयर में चेंज करने से वर्किंग सीजन का पूरा इस्तेमाल हो सकेगा और साल की शुरुआत के साथ ही विकास कार्य शुरू किए जा सकेंगे। पीएम मोदी की ओर से फाइनैंशल इयर को कैलेंडर इयर के साथ जोड़ने की इच्छा जताए जाने के बाद पिछले साल केंद्र सरकार ने इसकी संभावना तलाशने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। पैनल ने दिसंबर में वित्त मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
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