नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सामान्य वर्ग के पिछड़े वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए जो संविधान संशोधन किया जा रहा है उसके लिए राज्यों की सहमति की जरूरत नहीं होगी क्योंकि संविधान के आर्टिकल 368 के भाग 3 के जरिए यह संशोधन किया जा सकता है जिसके लिए राज्यों से इसे पास कराने की जरूरत नहीं है।
वित्त मंत्री ने सभी राजनितिक दलों से आग्रह किया कि अगर वे सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण का समर्थन करते हैं तो यह समर्थन खुले दिल से करें। उन्होंने वामपंथी दलों से भी कहा कि यह गरीबों के लिए किया जा रहा है और अगर आप इसका विरोध करते हैं तो दुनिया में ऐसा पहला उदाहरण होगा जिसमें कहा जाएगा कि वामपंथियों ने गरीबों के लिए किए जा रहे काम का विरोध किया।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले लगभग हर पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण का वादा किया था, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने भी यह कहा था। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से इसका समर्थन करने का आग्रह किया।
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