मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि फिल्में और समाज एक दूसरे का प्रतिबिंब हैं और सिनेमा की तरह भारत भी वक्त के साथ बदल रहा है। प्रधानमंत्री यहां भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय के उद्घाटन के मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “देश बदल रहा है और अपने समाधान तलाश रहा है। अगर यहां करोड़ों समस्याएं हैं तो एक अरब समाधान भी हैं।”
मोदी ने कहा भारत की सांस्कृतिक शक्ति (सॉफ्ट पावर) में फिल्मों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने बताया कि कैसे विदेशी नेताओं के साथ अपनी बातचीत में भारतीय फिल्मों और उनकी लोकप्रियता देखकर वह चकित रह गए। उन्होंने फिल्म उद्योग को आश्वासन दिया कि पायरेसी और छिपे कैमरे से रिकॉर्डिंग रोकने के लिये प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “जल्द ही फिल्म की शूटिंग और उससे जुड़ी मंजूरियों के लिये एकल खिड़की व्यवस्था तैयार की जा रही है।”
दावोस में हुए विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन की तरह भारत में वैश्विक फिल्म सम्मेलन आयोजित किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “पर्यटन को बढ़ावा देने में भी फिल्मों का अहम योगदान होता है, जिससे गरीबों को भी रोजगार मिलता है यहां तक की ‘चायवाला’ भी पर्यटन बढ़ने पर कमाई करता है।”
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