पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को यहां कहा कि भारतीय वायुसेना के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस रक्षामंत्री के रूप में उनके प्रयासों के कारण ही पेश किया जा सका है। उन्होंने कहा कि 2014 में उनके पदभार संभालने से पहले परियोजना के बारे में किसी को कुछ पता नहीं था। राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी नीति को शुरू करने के लिए राज्य की राजधानी में आयोजित एक समारोह में पर्रिकर ने कहा, "बतौर रक्षामंत्री मेरे कार्यकाल के दौरान बहुत-सी चीजें हुई थीं। इसमें से एक मेक इन इंडिया सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। तेजस लड़ाकू विमान मेरे प्रयासों के कारण तैयार हो पाया। उसमें कुछ नहीं हो रहा था। यह परियोजना रुकी पड़ी थी।
लड़ाकू हेलीकॉप्टर संस्करण का विकास मेरे कार्यकाल के दौरान हुआ।" मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 2014 में उन्हें रक्षामंत्री बनाया जाना शायद एक अस्थायी जिम्मदारी थी, लेकिन उन्होंने कहा कि उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि भारत के पूर्वी और पश्चिमी मोर्चे पर सर्जिकल स्ट्राइक रही। पूर्व रक्षामंत्री ने कहा, "सबसे महत्वपूर्ण पहलू था दोनों तरफ सर्जिकल स्ट्राइक। यह वह फैसला था, जिसकी जरूरत थी। सशस्त्र बलों ने निश्चित रूप से सर्जिकल स्ट्राइक किया था, लेकिन इसके लिए राजनीतिक निर्णय, प्रधानमंत्री के समर्थन और उनकी मदद की जरूरत थी। व्यापक योजना की जरूरत थी।
मेरी विशेषता उसमें काम आई। इसलिए मैंने राष्ट्र के लिए अपना कर्तव्य निभाया।" पर्रिकर ने यह भी कहा कि उन्होंने रक्षामंत्री की अपनी भूमिका बहुत अच्छे से निभाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा, "लेकिन जब मामला गोवा का आया तो मैंने सोचा और फैसला किया कि मेरी मंजिल गोवा है। शुरुआत से ही मैंने दिल्ली जाने के बारे में नहीं सोचा था। मुझसे वहां जाने के लिए कहा गया और मैंने अपना काम अच्छे से किया। मैं उससे संतुष्ट हूं।"
Latest India News