नयी दिल्ली: मेजर आदित्य के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का रूखकर अपने बेटे के खिलाफ जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है। यह प्राथमिकी 27 जनवरी को शोपियां में हुई गोलीबारी की घटना में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर दर्ज की गयी थी। मेजर के पिता ने शीर्ष अदालत में केंद्र के इस कथन का हवाला दिया कि केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति के बिना इस मामले में संस्थान पर कानूनी कार्यवाही पर पूणत: रोक है।
शीर्ष अदालत ने पांच मार्च को गोलीबारी की घटना में राज्य सरकार को आगे जांच करने से रोक दिया था, क्योंकि केंद्र ने कहा था कि जम्मू कश्मीर सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून की धारा सात के तहत पूर्व अनुमति लेना जरूरी है। जम्मू कश्मीर के शोपियां के गनोवपुरा गांव में 27 जनवरी को पथराव कर रही भीड़ पर सैन्य कर्मियों की गोलीबारी में तीन आम लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घटना की जांच के आदेश दिए थे। मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार आपस में भिड़ गए हैं। राज्य सरकार ने कहा है कि मामले में आरोपियों की सूची में मेजर आदित्य का नाम नहीं है।
मेजर आदित्य के पिता ले. कर्नल कर्मवीर सिंह ने अपनी अर्जी में कहा कि 27 जनवरी को शोपियां थाने में रणबीर दंड संहिता की धारा336,307 और302 के तहत दर्ज प्राथमिकी अमान्य है, क्योंकि पुलिस ने इसे दर्ज करने से पहले पूर्व अनुमति नहीं ली। शीर्ष अदालत ने पांच मार्च को कहा था कि मेजर आदित्य सेना के एक अधिकारी हैं और न कि कोई मामूली अपराधी और राज्य सरकार को24 अप्रैल तक मामले में आगे जांच नहीं करने का निर्देश दिया था।24 अप्रैल को मामले की अंतिम सुनवाई होगी।
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