एफएटीएफ किसी भी समय पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर सकती है : राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय धनशोधन की निगरानी करने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) आतंकियों के वित्तपोषण के लिए पाकिस्तान को किसी भी समय काली सूची में डाल सकती है।
नयी दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय धनशोधन की निगरानी करने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) आतंकियों के वित्तपोषण के लिए पाकिस्तान को किसी भी समय काली सूची में डाल सकती है। अगस्त महीने में एफएटीएफ के एशिया प्रशांत समूह ने पाकिस्तान को आतंक की ‘काली सूची’ में डाल दिया था क्योंकि वह भारत में हुए कई हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकी समूहों के वित्तपोषण पर रोक लगाने में विफल रहा था। सिंह ने रक्षा लेखा विभाग दिवस कार्यक्रम में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एफएटीएफ आतंक के वित्तपोषण के लिए किसी भी वक्त पाकिस्तान को काली सूची में डाल सकती है।’’
पेरिस स्थित एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी संस्था है जो धनशोधन, आतंकवाद का वित्तपोषण और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से संबंधित अन्य खतरों का मुकाबला करने के लिए कानूनी, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देती है। सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा एक बहुआयामी अवधारणा बन गयी है और आर्थिक, शक्ति, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा तथा पर्यावरण संरक्षण इसके प्रमुख पहलू हैं। उन्होंने कहा कि भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा वित्तीय प्रबंधन करना समझदारी है। ‘‘हमारा पड़ोसी वित्तीय कुप्रबंधन का जीता-जागता उदाहरण है।’’
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में वित्तीय प्रगति के बिना अत्यधिक सैन्यीकरण और गलत नीतियों के चलते ऐसे हालात बन गए हैं कि वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान वैश्विक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एक विमान का बंदोबस्त तक नहीं कर पाए। सिंह का यह वक्तव्य उस पृष्ठभूमि में आया है जब इस्लामाबाद रवाना होने के बाद खान और उनके प्रतिनिधिमंडल को मजबूरी में न्यूयॉर्क वापस लौटना पड़ा था क्योंकि सऊदी सरकार द्वारा उन्हें दिए गए विशेष जेट विमान में तकनीकी खामी आ गई थी।
सिंह ने कहा कि 2019-20 के लिए रक्षा बजट करीब 4.5 लाख करोड़ रूपए है जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का करीब 2.3 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि रक्षा लेखा विभाग (डीएडी) 31 लाख पेंशनभोगियों की पेंशन का ख्याल रखता है। उन्होंने वन रैंक, वन पेंशन को पेशेवर रूप से कार्यान्वयन के लिए डीएडी की सराहना की। सिंह ने कहा कि पेंशनरों की मदद के लिए एक कॉल सेंटर भी स्थापित किया गया है और 2018-19 में आयोजित 19 रक्षा पेंशन अदालतें सफल रहीं।