नई दिल्ली: फारूक अब्दुल्ला ने आज फिर पाकिस्तान से बातचीत की वकालत की है। उन्होंने इमरान खान की तारीफ करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि उन्होंने (इमरान खान) अपने एक सांसद को शांति दूत बनाकर भारत भेजा, जिसने पीएम मोदी और सुषमा स्वराज से बात की। फारुख अब्दुल्ला ने दावा किया कि इमरान खान के इस कदम से दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरेंगे लेकिन इस अमन पसंदगी में फारुक अब्दुल्ला 40 जवानों की शहादत भूल गए।
हालांकि, पुलवामा हमले के बाद पूरा हिंदुस्तान इस वक्त पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग कर रहा है, पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा एक्शन चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कह रहे हैं पाकिस्तान का पूरा हिसाब होगा। लेकिन, फारूख अब्दुल्ला कुछ और की कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘बड़ी कोशिश हो रही है कि जंग का महौल पैदा किया जाए, आपको अल्लाह से दुआ मांगनी चाहिए कि हमें जंग से बचाए।’
बता दें कि पाकिस्तान में सत्ताधारी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सांसद रमेश कुमार वनक्वानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से रविवार को मुलाकात की थी। जिसके बाद उन्होंने मीडिया में कहा था कि "मैं वीके सिंह जी, प्रधानमंत्री मोदी से मिला और सुषमा जी के साथ वार्ता की। मैंने आश्वस्त किया कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं है। हमें सकारात्मक दिशा की ओर बढ़ना चाहिए, हम अमन चाहते हैं।"
इसी का जिक्र करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से बातचीत की वकालत की। उन्होंने कहा कि 'आज तक पाकिस्तान के साथ चार जंगें हुई हैं। कुछ नहीं हुआ, हमी मारे गए नतीजा कुछ नहीं निकला। अगर इन मुल्कों के बीच कोई रास्ता निकल सकता है तो बातचीत से निकल सकता है।' बता दें पुलवामा हमले में 40 CRPF के जवान शहीद हुए थे और इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन JeM ने ली है।
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