श्रीनगर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कश्मीर के नेताओं की मीटिंग के बाद फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को श्रीनगर में मीडिया से बातचीत की। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग अच्छी रही। सभी पार्टियों ने अपनी बात उनके सामने रखी। उनकी तरफ से ये पहला कदम था कि किसी भी तरीके से जम्मू-कश्मीर के हालात बेहतर बनाए जाएं और एक सियासी दौर शुरू किया जाए।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमें वहां अलायंस के तौर पर नहीं बुलाया गया था। अगर बुलाया गया होता तो अलायंस की तरफ से एक को ही बुलाया गया होता। वहां पार्टियों को न्योता दिया गया था। गुपकार अलायंस के सदस्यों ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में हमने कोई ऐसी बात नहीं की जो अलायंस के एजेंडा के बाहर हो।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि वहां किसी ने प्रधानमंत्री से नहीं कहा कि हम 5 अगस्त कबूल करते हैं। हमने कहा कि हम इससे नाराज हैं। PM से महबूबा मुफ्ती और फारुख अब्दुल्ला ने साफ कहा कि BJP को 370 हटाने का एजेंडा कामयाब कराने में 70 साल लगे। हमें 70 महीने लगेंगे तो भी हम अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे।
उमर अब्दुल्ला ने कश्मीरी मीडिया को बताया कि जहां तक परिसीमन आयोग का सवाल है, पार्टी ने बहुत स्पष्ट कर दिया है- उन्होंने डॉक्टर साहब (फारूक अब्दुल्ला) को जरूरत पड़ने पर विचार करने के लिए अधिकृत किया है। परिसीमन आयोग के लिए National Conference ने कोई नया दृष्टिकोण नहीं अपनाया गया है।
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने कहा कि यह निश्चित रूप से तनाव कम करने वाली मीटिंग थी। अगर दिल्ली दक्षिण की ओर देख रही थी और हम उत्तर की ओर देख रहे थे। इस मुलाकात ने चीजों को एक समान दिशा में लाया। जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं ने बैठक में सभी को निर्बाध रूप से सुना।
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