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Hindi News भारत राष्ट्रीय आजाद हुए तो नहीं रह पाएंगे जिंदा, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि भारत के गुलाम हैं- फारुख अब्दुल्ला

आजाद हुए तो नहीं रह पाएंगे जिंदा, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि भारत के गुलाम हैं- फारुख अब्दुल्ला

भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच में स्थित होने के कारण घाटी के लिए आजादी कोई विकल्प नहीं है।

<p>जम्मू और कश्मीर के...- India TV Hindi Image Source : PTI जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला।

नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर से लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच में स्थित होने के कारण घाटी के लिए आजादी कोई विकल्प नहीं है। पुंछ जिले के मंडी इलाके में पार्टी की एक सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक ने कहा, "आजादी कोई विकल्प नहीं है। एक तरफ चीन और पाकिस्तान जैसी परमाणु शक्तियां हैं, और दूसरी तरफ हमारे पास भारत है।"

उन्होंने कहा, "हमारे पास न परमाणु बम है, न सेना है और न लड़ाकू विमान हैं। स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में हम कैसे जिंदा रह पाएंगे? लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि हम भारत के गुलाम हैं।" नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक ने कहा कि भारत को हर हाल में यहां के लोगों की गरिमा का आदर और सम्मान करना होगा, अन्यथा कश्मीर के हालात नहीं बदलेंगे।

उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि वह यहां के लोगों के दिल और दिमाग जीतने की कोशिश करे, क्योंकि सोने की भी सड़क बना देने से कुछ नहीं होगा। फारूक ने पड़ोसी पाकिस्तान की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान बंदूक से नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी समस्याएं नहीं सुलझा पा रहा है, "फिर वह हमारे लिए क्या करेगा"? 

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