नयी दिल्ली। किसान संगठनों के नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सद्भावना दिवस मनाएंगे और दिन भर का उपवास रखेंगे। किसान नेताओं ने दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक उपवास रखा जाएगा। उन्होंने देश के लोगों से किसानों के साथ जुड़ने की अपील की।
किसान नेताओं ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के खिलाफ "शांतिपूर्ण" आंदोलन को "बर्बाद" करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस किसान आंदोलन को नष्ट करने की सत्ताधारी भाजपा की साजिश अब सामने आ गयी है।’’
किसान नेताओं ने यह भी दावा किया कि बृहस्पतिवार की रात गाजीपुर सीमा से किसान नेता राकेश टिकैत को हटाने की पुलिस की कथित कोशिश के बाद सभी प्रमुख प्रदर्शन स्थलों - गाजीपुर, सिंघू और टीकरी में आंदोलनकारियों की संख्या बढ़ रही है।
भीम आर्मी प्रमुख ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की और कहा कि दलित समूह नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन की मजबूती के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगा। गाजियाबाद प्रशासन द्वारा प्रदर्शनस्थल खाली किए जाने की चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद आजाद ने टिकैत से मुलाकात की है। आजाद शाम 6:30 बजे भीम आर्मी के करीब 100 सदस्यों के साथ यूपी गेट पहुंचे।
दलित नेता ने कहा कि टिकैत ‘‘पश्चिमी उत्तर प्रदेश की शान’’ हैं और वह किसान नेता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ हम अपने किसानों के साथ मजबूती से खड़े हैं और उनके आंदोलन को मजबूती देने के लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएंगे।’’ आजाद ने आरोप लगाया कि सरकार उनके ‘‘आंदोलन को समाप्त करने और किसानों को हिंसा के लिए उकसाने के लिए हर चाल चलेगी।’’ उन्होंने किसानों से अंहिसा के रास्ते पर ही चलने की अपील भी की।
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