चंडीगढ़: आंदोलन के तीसरे दिन आज भी पंजाब और हरियाणा में किसानों ने विरोधस्वरुप सड़कों पर अपनी उपज फेंकी जिससे इन दोनों राज्यों में शहरों में सब्जियों के दाम काफी बढ़ गये। केंद्र सरकार की कथित किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसानों का दस दिवसीय आंदोलन शुक्रवार को शुरु हुआ था।
देश के 22 राज्यों में कई किसान संगठन संयुक्त रुप से प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी उपज के लिए लाभकारी दाम , स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशें लागू करने एवं कृषि ऋण माफ करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने शहरों में सब्जियों , फलों , दूध और अन्य खाद्य पदार्थों की आपूर्ति रोक दी है। व्यापारियों का कहना है कि आपूर्ति में कमी के चलते सब्जियों एवं अन्य खाद्य पदार्थों के भाव बढ़ गये हैं।
इस बीच , हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी। हमने किसानों की हमेशा सुनी हैं जो लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं वे उनके सबसे बड़े दुश्मन हैं। किसानों को बाजारों में अपनी उपज लाने से रोकने वालों से कड़ाई से निबटा जाएगा। हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कृषि संकट के प्रति कथित उदासीनता को लेकर केंद्र की निंदा की।
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