अपनी मांगों पर अड़े किसान, अब ब्लॉक करेंगे दिल्ली की 5 मेन रोड, कहा- सशर्त बातचीत मंजूर नहीं, राज्यों में भी करेंगे आंदोलन
सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा बातचीत के लिए जो कंडीशन थी हम उसे किसान संगठनों का अपमान मानते हैं। अब हम बुराड़ी पार्क में बिलकुल नहीं जाएंगे।
नई दिल्ली। 3 नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनकारी किसानों का विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है। किसानों ने गृहमंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा बातचीत के लिए जो कंडीशन थी हम उसे किसान संगठनों का अपमान मानते हैं। अब हम बुराड़ी पार्क में बिलकुल नहीं जाएंगे। हमें पता चला है कि वो पार्क नहीं ओपन जेल है। हम ओपन जेल में जाने की बजाय 5 मेन मार्ग जाम कर दिल्ली की घेराबंदी करेंगे। आंदोलनकारी किसानों ने कहा कि वे अपना प्रदर्शन नहीं रोकेंगे और कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे। करीब 30 किसान संगठनों की रविवार को हुई बैठक के बाद किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शन तेज करने का आह्वान करते हुए कहा कि 1 दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू होगा।
केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने आ रहे हजारों किसान एक और सर्द रात सड़कों पर बिताने के साथ राष्ट्रीय राजधानी के सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर रविवार को लगातार चौथे दिन जमे रहे। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चाधोनी ने कहा, ‘‘हम उनके (सरकार) प्रस्ताव की शर्त को स्वीकार नहीं करेंगे। हम बातचीत करने को तैयार है लेकिन अभी कोई शर्त नहीं स्वीकार करेंगे।’’ क्रांतिकारी किसान यूनियन की पंजाब इकाई के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, ‘‘सरकार ने शर्तों के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बातचीत के लिए माहौल तैयार किया जाना चाहिए। अगर कोई शर्त रखी जाती है तो हम बात नहीं करेंगे।’’
विभिन्न किसान संगठन, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं। समिति के एक प्रतिनिधि ने कहा, ‘‘अगर सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करने को गंभीर है तो उसे शर्ते नहीं रखनी चाहिए।’’ भारतीय किसान एकताग्रह के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने कहा, ‘‘हम सीमा पर बैठे हैं। हमारी मांग है कि सरकार कृषि कानून को वापस ले और हम इससे कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।’’ भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच किसान सीमा पर सरकार के खिलाफ नारे लगा कर अपना विरोध जता रहे हैं। साथ ही जो किसान शनिवार को प्रशासन द्वारा निर्धारित प्रदर्शन स्थल बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में पहुंचे, वे भी प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी शाह के प्रस्ताव पर कहा कि किसानों से जितनी जल्दी बातचीत होगी, उतना ही वह कृषि समुदाय और दिश के हित में होगा।
किसानों ने बुराड़ी मैदान को बताया खुली जेल
सिंधु बॉर्डर पर किसानों की बैठक के बाद लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) क्रांतिकारी (पंजाब) के प्रदेश अध्यक्ष सरजीत सिंह फूल ने कहा, 'हमने केंद्र के निमंत्रण को स्वीकार नहीं किया है क्योंकि यह इस शर्त के साथ आया है कि सभी किसानों को बुराड़ी पार्क में शिफ्ट कर देना चाहिए और अगले दिन सरकार से बातचीत होगी। हरियाणा सरकार ने हमारा रास्ता रोकने के लिए सड़कों को खोद दिया। अब जब सरकार ने शर्त रखी है तो हम बुराड़ी पार्क नहीं जाएंगे क्योंकि यह एक खुली हुई जेल है।
किसानों ने कहा, हम दिल्ली में प्रवेश के सभी 5 बिंदुओं को अवरुद्ध करेंगे। हमारे आवास के लिए हमारा ट्रैक्टर छोटे कमरों की तरह है। हम किसी भी राजनीतिक दल को अपने मंच पर जगह नहीं देंगे। हमारे पास 4 महीने का राशन है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। हमारी संचालन समिति सब कुछ तय करेगी।' किसानों ने फैसला किया कि वे लोग फिलहाल बॉर्डर्स पर बैठे रहेंगे। सात सदस्यीय किसानों की कमेटी में योगेंद्र यादव भी शामिल हैं। इस बीच, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (DSGMC) ने सिंघु बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों को लंगर कराया।
बुराड़ी जाने से किसानों का इनकार
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को एक बार फिर दिल्ली के बुराड़ी मैदान में जाने की अपील की और कहा कि एक बार तय किए गए स्थान पर पहुंचने के बाद केंद्रीय मंत्रियों का एक उच्च-स्तरीय दल राजधानी के विज्ञान भवन में उनसे बातचीत के लिए तैयार है। बता दें कि, किसान राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर भी जमे हुए हैं। हालांकि सरकार ने उनसे कहा है कि वे बुराड़ी के मैदान में शिफ्ट हो जाएं, इसके बाद उनसे बात की जाएगी। एक तरफ किसान गाजियाबाद- दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं तो दूसरी तरफ हरियाणा से सटे दिल्ली के सिंघू बार्डर पर भी किसान डेरा जमाए हुए है। सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर मौजूद किसानों के नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा, 'हम बुराड़ी (दिल्ली) नहीं जाएंगे। हमारे 30 किसान संगठन सर्वसम्मति के बाद निर्णय लेते हैं। हमारे नेता आज बाद में इसके बारे में मीडिया को जानकारी देंगे।'
बातचीत के लिए तैयार किसान: कृषि मंत्री
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, 'सरकार ने चौथी बार 3 दिसंबर को मिलने का प्रस्ताव दिया है। इसलिए, पहले से ही बातचीत चल रही है, किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। सरकार बातचीत के लिए तैयार है, किसानों की यूनियनों को इसके लिए माहौल बनाना चाहिए। उन्हें आंदोलन छोड़ना चाहिए और वार्ता चुननी चाहिए।'
दोनों तरफ से बंद है सिंधू बॉर्डर
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया, 'सिंधू बॉर्डर अभी भी दोनों ओर से बंद है। मुकरबा चौक और जीटीके रोड से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। ट्रैफिक बहुत ज्यादा है। कृपया सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और इसके विपरीत, GTK रोड, NH 44 और सिंघू बॉर्डर तक बाहरी रिंग रोड से बचें।' दिल्ली पुलिस उपायुक्त (बाहरी उत्तर) गौरव शर्मा ने कहा कि वे किसानों के लिए खाने-पीने और अन्य जरूरी सामान ले जाने वाले वाहनों को अनुमति दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बुराड़ी डीडीए मैदान को पहले ही प्रदर्शन स्थल के रूप में चिह्नित किया गया है और जब वे (प्रदर्शनकारी) वहां जाएंगे तो उन्हें जाने की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी।’’