किसान आंदोलन: दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर हुआ दंगल
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर भी काफी संख्या में किसान बैठे हुए हैं और विरोध जता रहे हैं। इसी बीच यहां दंगल का आयोजन किया गया, जिसमें पहलवानों ने भाग लिया।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर भी काफी संख्या में किसान बैठे हुए हैं और विरोध जता रहे हैं। इसी बीच यहां दंगल का आयोजन किया गया, जिसमें पहलवानों ने भाग लिया। समाचार एजेंसी ANI ने ट्वीट में लिखा, "गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बॉर्डर पर दंगल का आयोजन किया।"
आठ दौर की बातचीत रही बेनतीजा
गौरतलब है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बीते शुक्रवार को सरकार और किसानों के बीच नए कृषि कानूनों को लेकर 8वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। अब दोनों पक्षों के बीच 15 जनवरी को बातचीत होगी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था, "किसान यूनियन और सरकार ने 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक का निर्णय लिया है। मुझे आशा है कि तब कोई समाधान निकलेगा।"
कानून रद्द कराने पर अड़े किसान
हालांकि, इससे पहले चार जनवरी को हुई वार्ता भी बेनतीजा रही थी क्योंकि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर डटे रहे थे जबकि सरकार 'समस्या' वाले प्रावधानों या गतिरोध दूर करने के लिए अन्य विकल्पों पर ही बात करना चाह रही थी। गौरलतब है कि किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र द्वारा हाल ही में लागू किए गये कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी।
किसानों की चिंता, 'कॉरपोरेट को मिलेगा फायदा'
उनकी दलील है कि कालांतर में बड़े कॉरपोरेट घराने अपनी मर्जी चलायेंगे और किसानों को उनकी उपज का कम दाम मिलेगा। किसानों को डर है कि नए कानूनों के कारण मंडी प्रणाली के एक प्रकार से खत्म हो जाने के बाद उन्हें अपनी फसलों का समुचित दाम नहीं मिलेगा और उन्हें रिण उपलब्ध कराने में मददगार कमीशन एजेंट ‘‘आढ़ती’’ भी इस धंधे से बाहर हो जायेंगे।
क्या हैं तीनों नए कृषि कानून?
जिन कानूनों को लेकर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वे कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम- 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम- 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम- 2020 हैं।
किसानों की ट्रैक्टर रैली
बता दें कि किसानों ने 7 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली थी और 26 जनवरी को फिर से ट्रैक्टर मार्च निकालने का प्लान है। किसानों का कहना है कि अगर उनकी बातें नहीं मानी गईं तो 26 जनवरी को दोबारा ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।