नई दिल्ली: केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि असम और ओडिशा के किसान सोमवार को यहां जंतर मंतर पर ‘किसान संसद’ में शामिल हुए। एसकेएम ने कहा कि आंध्र प्रदेश किसान एसोसिएशन समन्वय समिति और तमिलनाडु से ऑल इंडिया किसान सभा के सदस्यों के भी आगामी दिनों में उनके साथ जुड़ने की उम्मीद है। जिस समय देश की संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है, उस समय आंदोलनरत संगठनों द्वारा ‘किसान संसद’ का आयोजन किया जा रहा है।
एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘किसान संसद में शामिल होने के लिए देशभर से किसान आ रहे हैं। ओडिशा के प्रतिनिधिमंडलों की तरह आज असम की कृषक मुक्ति संघर्ष समिति के किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ।’’ संसद के आठवें दिन, किसानों ने पिछले साल पेश किए गए बिजली संशोधन विधेयक पर अपना विचार-विमर्श जारी रखा।
एसकेएम ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने विरोध कर रहे किसानों को औपचारिक वार्ता के दौरान आश्वासन दिया था कि वह बिजली संशोधन विधेयक को वापस ले लेगी। इसके बावजूद विधेयक को संसद के मॉनसून सत्र में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।’’
एसकेएम ने कहा, ‘‘किसान संसद ने केंद्र सरकार द्वारा किसानों को बिजली संशोधन विधेयक पेश नहीं करने के अपने स्पष्ट वादे से पलटने पर निराशा व्यक्त की और मांग की कि इसे तुरंत वापस लिया जाए।
एसकेएम ने विधेयक को ‘‘किसान विरोधी’’ और ‘कॉर्पोरेट हितैषी’’ बताया। किसान पिछले साल नवंबर से ही दिल्ली के सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। ‘किसान संसद’ के लिए हर दिन 200 किसान जंतर मंतर पर इकट्ठा होते हैं।
Latest India News