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Hindi News भारत राष्ट्रीय मंदसौर पुलिस गोलीबारी की पहली बरसी को शहीद किसान दिवस के तौर पर मनाने की योजना, जुटेंगे 193 संगठनों से जुड़े देश भर के किसान

मंदसौर पुलिस गोलीबारी की पहली बरसी को शहीद किसान दिवस के तौर पर मनाने की योजना, जुटेंगे 193 संगठनों से जुड़े देश भर के किसान

छह जून को मंदसौर में एकत्र होने से पहले किसान संगठनों के प्रतिनिधि मंदसौर गोलीकांड में शिकार हुये किसानों की याद में चार जून को भोपाल में मशाल जुलूस निकालेंगे।

<p>चित्र का इस्तेमाल...- India TV Hindi Image Source : PTI चित्र का इस्तेमाल प्रतीक के तौर पर किया गया है।

नई दिल्ली: पिछले साल छह जून को मध्य प्रदेश के मंदसौर में आंदोलनरत किसानों पर पुलिस गोलीबारी की घटना की पहली बरसी को 'शहीद किसान दिवस' के रूप में देश भर के किसान मनायेंगें। देश के विभिन्न भागों में सक्रिय 193 किसान संगठनों ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले आगामी छह जून को मंदसौर में जुटने का फैसला किया है। समिति के सदस्य अतुल कुमार अनजान ने बताया कि किसानों की देशव्यापी समस्याओं के लगातार गंभीर होने का हवाला देते हुये किसान संगठन छह जून को सरकार पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को पूरा करने का दबाव बनायेंगे। 

उन्होंने बताया कि इस बाबत समिति के सदस्य योगेन्द्र यादव, सांसद राजू शेट्टी सहित अन्य किसान नेताओं ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात कर किसानों की समस्याओं पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की गुजारिश की थी। यादव ने बताया कि छह जून को मंदसौर में एकत्र होने से पहले किसान संगठनों के प्रतिनिधि मंदसौर गोलीकांड में शिकार हुये किसानों की याद में चार जून को भोपाल में मशाल जुलूस निकालेंगे। इसके बाद पांच जून को मंदसौर के ग्राम बूढ़ा में आमसभा होगी और छह जून को मल्हारगढ़ तहसील के चिल्लोद पिपलिया गांव में मृत किसान कन्हैया लाल पाटीदार की मूर्ती से समक्ष दिनभर का उपवास होगा।

समिति के संयोजक वी.एम. सिंह ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन ने अब तक छह किसानों की मौत के मामले में अभी तक ह्त्या के मुकदमे दर्ज नहीं किये। उन्होंने इसे शर्मनाक बताते हुये कहा कि किसानों की सिर्फ दो ही मुख्य मांगें है, पहली कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य उसकी लागत का कम से कम डेढ़ गुना हो और दूसरी, किसानों का एकमुश्त कर्ज माफ किया जाये। इस दौरान शेट्टी ने कहा कि किसानों ने अपनी समस्या के समाधान के लिए खुद एक कानून का मसौदा तैयार किया है। यदि सरकार किसानों के मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाती है तो इस मसौदे को पेश किया जाएगा। 

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