खंडवा (मध्यप्रदेश): मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के पातोड़ा गांव में 42 वर्षीय एक किसान ने अपने 17 वर्षीय बेटे को गिरवी रखे जाने के बाद भी कर्जा न चुका पाने से तंग आकर कथित रूप से कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। पातोड़ा गांव के किसान कारकुंड (42) ने तीन मई को खुदकुशी की। उसने एक स्थानीय सोसाइटी से कुछ रूपये कर्ज लिये थे। जब वह अपने कर्ज को अदा नहीं कर पा रहा था, तो उसने अपने 17 वर्षीय बेटे को ऊंट चराने के लिए खंडवा से सटे एक गांव में गडरिये के पास ढाई लाख रुपए में गिरवी रख दिया था।
मृतक कारकुंड के भाई सीताराम ने बताया, ‘‘सोसाइटी ने मेरे भाई कारकुंड को हाल ही में डेढ़ लाख रूपये जमा करने का नोटिस दिया था। लेकिन वह इसे भर नहीं पा रहा था, जिससे वह परेशान था और उसने कीटनाशक पीकर खुदकुशी कर ली।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नोटिस मिलने पर कारकुंड ने अपने बच्चों के सामने इस नोटिस को फाड़ दिया और कहा था कि यह कर्जा अब तुम लोग ही भरना। मैं (कारकुंड) तो परेशान हो गया हूं, आत्महत्या कर लूंगा।’’
किसान द्वारा आत्महत्या करने का मामला तूल पकड़ने के बाद मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस आज ग्राम पातोड़ा पहुंची और मृतक किसान के परिजन से भेंट की और उन्हें ढांढस बंधाया। इसके बाद चिटनिस ने बताया कि कारकुंड पर सोसाइटी का 90,000 रूपये का कर्जा था। यह मुख्यमंत्री समायोजन योजना के तहत घटकर अब 34,000 रुपये रह गया है और यह रकम भी जनसहयोग एवं मंत्री के स्वेच्छा अनुदान मद द्वारा अदा करने का प्रयास किया जायेगा।
उन्होंने मौके पर उपस्थित सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) सोहन कनास सहित अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन की अन्य योजनाओं का लाभ भी पीड़ित परिवार को पात्रता अनुसार दिलाया जाये। इसी बीच, मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने किसान कारकुंड द्वारा गिरवी रखे बच्चे को न छुड़ा पाने के गम में आत्महत्या करने की घटना को, शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर कलंक बताया है।
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