जींद: तीन कृषि कानूनों को रद्द न करने से खफा हरियाणा के जींद जिले के गुलकनी गांव के एक किसान ने अपनी दो एकड़ भूमि में खड़ी गेहूं की फसल की ट्रैक्टर से जुताई कर दी। जिले के गुलकनी निवासी राममेहर रविवार को ट्रैक्टर लेकर अपने खेत में पहुंचा और दो एकड़ में लगी फसल की जुताई कर दी। इस दौरान राम मेहर के परिवार की महिलाओं के अलावा काफी संख्या में किसान भी खेत में पहुंचे थे। दस एकड़ की खेतीबाड़ी करने वाले राम मेहर ने बताया कि अगर फसल को पकाव की तरफ ले जाता हूं तो खर्च ज्यादा बढ़ेगा और आगे भाव भी सही मिलने की कोई गारंटी नहीं है।
उन्होंने बताया कि फसल के भंडारण करने का उसके पास कोई संसाधन नहीं है। राम मेहर ने कहा कि इससे अच्छा है कि फसल को पकने से पहले ही नष्ट कर दिया जाए, ताकि नुकसान से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि अगर फसल पकने पर उसे जलाते है तो वायु प्रदूषण होगा और जमीन की उर्वरता भी समाप्त हो जाएगी। साथ ही अवशेष फूंकने पर सरकार के कानूनी दायरे में आएंगे।
इस बीच आगामी गेहूं के फसल के सीजन को देखते हुए अब खटकड़ टोल पर दिए जा रहे धरने पर किसान शिफ्टों में धरने पर आएंगे। हर रोज 15 गांवों के किसानों के धरने पर आने की रणनीति तय की हुई है। धरने में भाकियू (चढूनी) के जिला अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी शामिल हुये।चढूनी ने कहा कि जब तक ये कानून वापस नहीं लिये जायेंगे तब तक धरना समाप्त नहीं होगा।
दूसरी ओर प्रदेश के सोनीपत जिले के गन्नौर हलके के गांव पुरखास में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार ने बेरोजगारी के मामले में राज्य को देशभर में नंबर एक राज्य बना दिया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने राज्य को अपराध में नंबर एक बनाया, सबसे ज्यादा निवेश वाले हरियाणा की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी और अब किसान विरोध में भी राज्य को नंबर एक बना दिया है।
दीपेंद्र हुड्डा ने किसान महापंचायत में बड़ी तादाद में मौजूद किसानों के सामने ऐलान किया कि जिस प्रकार कंडेला कांड के पीड़ित किसान परिवारों को हुड्डा सरकार ने शहीद का दर्जा देकर रोजगार दिलाया था, उसी तर्ज पर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर किसान आंदोलन में अपनी जान गंवाने वाले हरियाणा के हर किसान के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जायेगी।
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