नई दिल्ली | दिल्ली-हरियाणा सिंघु सीमा पर पंजाब के 40 वर्षीय एक किसान ने जहर खाकर खुदखुशी कर ली। मृतक अमरिंदर सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के रहने वाले थे। शनिवार देर शाम उन्होंने सल्फास खा लिया, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने बताया कि, "शाम बॉर्डर के मुख्य स्टेज के पीछे उन्होंने सल्फास खाया, वहीं स्टेज के सामने मौजूद पंडाल के सामने आकर गिर गए, मौके पर खड़े अन्य किसान उन्हें अस्पताल ले गए, जहां उनकी करीब शाम 7 बजे मृत्यु हो गई।"
हालांकि किसान ने किन कारणों से खुदकुशी की ये साफ नहीं हो पाया है, साथ ही धरनास्थल पर मौजूद प्रदर्शनकारियों को मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। दरअसल कृषि कानून के विरोध में बीते डेढ़ महीने से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। वहीं सरकार और किसान संगठनों की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है। हालांकि सरकार साफ कर चुकी है कि वह कानूनों को वापस नहीं लेगी, वहीं दूसरी ओर किसान भी कानून की वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं।
जींद में सैकड़ो ट्रैक्टर के साथ किसानों ने किया शक्ति प्रदर्शन
केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में हरियाणा के जींद में सैकड़ो ट्रैक्टर के साथ किसानों ने शक्ति प्रदर्शन किया। इस मौके पर किसान नेता सतबीर पहलवान ने कहा कि किसान सरकार का घमंड तोड़ने का काम करेंगे। किसानों ने टैक्टर मार्च की शुरुआत खटकड़ टोल से की जो कि पटियाला चौंक, पुरानी सब्जी मंडी, बत्तख चौंक से होती हुई सफीदों रोड़ से रानी तालाब अनाज मंडी से वापिस खटकड़ टोल के लिए रवाना हुई।
किसानों की ट्रैक्टर यात्रा और शहर में ग्राम सचिव की परीक्षा की वजह से दिनभर जाम की स्थिति रही। उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों के खिलाफ खटकड़ टोल पर गत 15 दिन से किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। किसान नेताओं ने बताया कि ट्रैक्टर यात्रा पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होनी थी लेकिन ग्राम सचिव की परीक्षा देने आने वाले अभ्यार्थियों को कोई परेशानी नहीं हो, इसलिए यह दोपहर एक बजे निकाली गई। उन्होंने दावा किया कि इस यात्रा में करीब 1500 से अधिक टैक्टर शामिल हुए।
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