नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अब तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की औपचारिक प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। इस कड़ी में आज पीएम की अगुवाई में कैबिनेट की मीटिंग होने वाली है, जिसमें तीनों कृषि कानूनों की वापसी के मसौदे पर मुहर लग सकती है। Farm Laws Repeal Bill 2021 संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना है। आज कैबिनेट की मीटिंग में इस बिल के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी। कैबिनेट की मुहर के बाद ये बिल 29 नवंबर से शुरु होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।
लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, सत्र के दौरान तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने से संबंधित विधेयक पेश किये जाने के लिये सूचीबद्ध है। गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर महीने में केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून और आवश्यक वस्तु संशोधन कानून, 2020 बनाया था। तीन कृषि कानून के विरोध में पिछले करीब एक वर्ष से दिल्ली की सीमा पर किसान संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । गुरु पूर्णिमा के दिन पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि उन्होंने सत्ता संभालने के बाद से ही किसानों के हित में कई बड़े फैसले लिए। छोटे और सीमांत किसानों की स्थिति को देखते हुए उन्होंने तीन नए कृषि कानूनों का प्रवाधान किया लेकिन वे किसानों के एक वर्ग को समझा पाने में नाकाम रहे। इसलिए कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया। पीएम मोदी ने हाथ जोड़कर देश की जनता से माफी मांगी।
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा और इसके 23 दिसंबर को समाप्त होने की संभावना है। लोकसभा एवं राज्यसभा सचिवालय के एक बयान के अनुसार, ‘‘सत्रहवीं लोकसभा का सातवां सत्र 29 नवंबर, 2021 को शुरू होगा। सरकारी कामकाज की अत्यावश्यकताओं के अधीन, सत्र के 23 दिसंबर, 2021 को समाप्त होने की संभावना है।’’
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