निकिता तोमर हत्याकांड: SIT ने कोर्ट में दाखिल की 700 पन्नों की चार्जशीट
बल्लभगढ़ एरिया में दिनदहाड़े हुए निकिता मर्डर केस में आज एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। एसआईटी द्वारा तैयार 700 पेज की चार्जशीट में 60 गवाह हैं।
फरीदाबाद: बल्लभगढ़ एरिया में दिनदहाड़े हुए निकिता मर्डर केस में आज एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। एसआईटी द्वारा तैयार 700 पेज की चार्जशीट में 60 गवाह हैं। एसआईटी के द्वारा की गई दिन-रात की मेहनत और उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में एक रिकॉर्ड समय ( मात्र 11 दिन) में चार्जशीट को तैयार की गई। चार्जशीट को डिजिटल, फॉरेंसिक एवं मेटेरियल एविडेंस के आधार पर अनुभवी अनुसंधान अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया जिसका पुलिस आयुक्त महोदय ओपी सिहं ने बारीकी से अवलोकन किया। डिजिटल एवं फॉरेंसिक साइंस एविडेंस और चश्मदीद गवाह व अन्य पुख्ता सबूत के आधार पर आरोपियों को जल्द ही कड़ी सजा दिलवाई जाएगी।
गौरतलब है कि 26 अक्टूबर को छात्रा निकिता तोमर जब पेपर देकर घर जा रही थी, तब आरोपी तौसीफ ने उसकी कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने आरोपी तौसीफ और उसके साथी रेहान व अजरु को गिरफ्तार कर लिया है। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। दोनों आरोपी वारदात को अंजाम देकर कार से फरार हो गए थे।
घटना की सूचना मिलने पर थाना शहर बल्लभगढ़ में हत्या व आर्म्स एक्ट की धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस आयुक्त महोदय के संज्ञान में आने पर उन्होंने तुरंत एसीपी क्राइम अनिल यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की 10 टीमें आरोपियों की धरपकड़ में लगाई गई और स्वयं मॉनिटरिंग करते रहे। मात्र 5 घंटे में क्राइम ब्रांच ने गोली मारने वाले मुख्य आरोपी तौसीफ को नुहं से गिरफ़्तार किया। पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने वारदात की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एसपी क्राइम श्री अनील यादव के नेतृत्व में क्राइम ब्राचं DLF प्रभारी अनिल कुमार सहित अनुभवी अनुसंधान अधिकारियों को शामिल कर एक एसआईटी का गठन किया गया।
दूसरे आरोपी रेहान को भी नूहं से गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही आरोपियों को हत्या की वारदात को अंजाम देने के लिए देसी कट्टा उपलब्ध कराने वाले तीसरे आरोपी अजरू को भी नुहं से गिरफ्तार किया गया व वारदात में प्रयोग गाड़ी को भी बरामद किया गया।
पुलिस आयुक्त महोदय स्वयं केस की हर वक्त प्रगति रिपोर्ट ले रहे थे और उनके मार्गदर्शन में एसआईटी ने दिन रात काम करके एक रिकॉर्ड समय में केस से संबंधित डिजिटल, फॉरेंसिक व मटेरियल सबूतों और गवाहों के आधार पर चार्जशीट तैयार की। एसआईटी निरंतर अनुसंधान कार्य में जुटी रही और केस की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए हर सबूत को इकट्ठा करती रही ताकि आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जा सके।