देश इस समय गंभीर कोरोना संकट से गुजर रहा है। देश में हर रोज 60 से 70 हजार कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं। देश के अस्पताल मरीजों से पटे हुए हैं। सरकारी अस्पताल जहां मरीजों का इलाज लगभग मुफ्त है, वहां अव्यवस्था का आलम चरम पर है। वहीं निजी अस्पताल इस मौके को भुनाते हुए मरीजों से भारी भरकम फीस वसूल रहे हैं। इस खर्च को वहन कर पाना हर किसी के बस की बात भी नहीं है।
इस बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सएप जैसी जगहों पर एक संदेश प्रसारित किया जा रहा है। व्हाट्सएप पर प्रसारित एक संदेश में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार प्रत्येक COVID19 रोगी के लिए हर नगर पालिका को 1.5 लाख रुपये प्रदान कर रही है। व्हाट्सएप के जरिए प्रसारित किए जा रहे संदेश को लेकर लोगों की बीच काफी चर्चा हो रही है। यह मैसेज तेजी से प्रसारित किया जा रहा है। इसके साथ ही बहुत से लोग नगर पालिका के अस्पतालों में इस योजना की जानकारी लेने के लिए पहुंच भी रहे हैं।
इस प्रकार के संदेशों को लेकर सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यानि पीआईबी ने एक खास फैक्ट चैक मुहिम शुरू की है। इसके तहत सोशल मीडिया में फैल रही खबरों की जांच की जाती है और अंतिम छोर तक यह जानने की कोशिश की जाती है कि खबर सही है या भ्रामक। जब इस 1.5 लाख रुपए वाली खबर को सत्यता की कसौटी पर कसा गया तो यह बात सरासर झूठ निकली। पता चला है कि यह दावा पूरी तरह से झूठा है। सरकार द्वारा ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।
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