नयी दिल्ली: भारत की विपक्षी पार्टियों द्वारा फेसबुक पर हेट स्पीच को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जा रहा है। इसी बीच, गुरुवार को फेसबुक ने भाजपा नेता टी राजा सिंह को हिंसा और नफरत को बढ़ावा देने वाली सामग्री को लेकर बनाई गई अपनी नीति का उल्लंघन करने के लिए अपने प्लेटफॉर्म और इंस्टाग्राम से प्रतिबंधित कर दिया। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘हिंसा और नफरत को बढ़ावा देने या उसमें संलग्न होने वालों को हमारे मंचों से प्रतिबंधित करने की हमारी नीति का उल्लंघन करने पर हमने राजा सिंह को फेसबुक पर प्रतिबंधित कर दिया है।’’
बैन पर प्रतिक्रिया देते हुए राजा सिंह ने कहा, "मुझे सूचना मिली है कि फेसबुक ने मेरे नाम पर चल रहे सभी पेज और अकाउंट को हटा दिया है। अन्य दलों के कई नेता हैं जो भड़काऊ भाषण देते हैं। फेसबुक को उनके भी अकाउंट पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। मैं अपना आधिकारिक अकाउंट खोलने के लिए फेसबुक को लिखूंगा।"
वहीं फेसबुक के बयान के अनुसार उल्लंघन करने वाले संभावित व्यक्तियों का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया व्यापक है और इसके जरिए फेसबुक ने भाजपा नेता का अकाउंट हटाने का निर्णय किया। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के बाद फेसबुक विवादों में घिरी है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि फेसबुक की विषयवस्तु संबंधी नीतियों में भारत की सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति पूर्वाग्रह होता है।
इस रिपोर्ट के मद्देनजर संसद की एक समिति ने फेसबुक के प्रतिनिधियों को बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कथित दुरुपयोग के विषय पर बातचीत के लिए बुलाया था। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को फेसबुक के प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को पत्र लिखकर उसके कर्मचारियों पर एक राजनीतिक झुकाव वाले लोगों का समर्थन करने का आरोप लगाया।
उन्होंने प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों के लिए अपशब्दों के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया। सूत्रों के अनुसार कंपनी की व्यापक प्रक्रिया के बाद राजा सिंह को इस प्लेटफॉर्म से हटाने का फैसला किया गया है। एक सूत्र ने बताया कि कंपनी ने पहले भी अपनी नीतियों का उल्लंघन करने वाले राजा के पोस्ट हटा दिये थे, लेकिन सिंह पर पाबंदी लगाने का फैसला अब लिया गया है।
प्रतिबंध के बाद सिंह को फेसबुक की खतरनाक व्यक्ति और संस्थान नीति के तहत चिह्नित किया गया है और वह अब फेसबुक पर मौजूदगी दर्ज नहीं करा पाएंगे। इस प्रक्रिया के तहत सिंह फेसबुक और इंस्टाग्राम का उपयोग नहीं कर सकेंगे। कंपनी उनका प्रतिनिधित्व करने वाले समूहों, पेजों और खातों को भी हटा देगी। हालांकि उनकी प्रशंसा और समर्थन समेत व्यापक बातचीत को अनुमति जारी रहेगी।
एक अन्य सूत्र ने कहा कि फेसबुक खतरनाक व्यक्ति और संस्थान नीति के बारे में निर्णय लेते समय इन बातों का ध्यान रखती है कि क्या उन्होंने किसी जाति या राष्ट्रीय मूल जैसे कारकों के आधार पर लोगों के खिलाफ हिंसा का आह्वान किया या हिंसा में सीधे तौर पर संलिप्त रहे।
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