कन्याकुमारी (तमिलनाडु): भारत के दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 से इतिहास रचने की कोशिश कर रहे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को कहा कि वह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में यान का प्रक्षेपण करने की कोशिश करेगा। गौरतलब है कि अब तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर किसी ने अंतरिक्ष यान उतारने की कोशिश नहीं की है।
इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने यहां बताया, ‘‘आज की तारीख तक किसी ने भी क्षेत्र में यान उतारने की कोशिश नहीं की। यह (चंद्रमा की) विषुवत रेखा के पास है। हम पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में यान (चंद्रयान-2) उतारने की कोशिश करेंगे।’’
इस हफ्ते की शुरुआत में इसरो ने कहा कि चंद्र मिशन के सभी तीन मॉड्यूल - ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) - जुलाई में निर्धारित प्रक्षेपण के लिए तैयार हो रहे हैं और लैंडर सितंबर की शुरुआत में चंद्रमा की सतह पर उतर सकता है।
सिवन ने यहां पत्रकारों को बताया कि इसरो ने जीएसएलवी मैक-3 रॉकेट के जरिए अंजाम दिए जाने वाले इस मिशन के लिए नौ जुलाई से 16 जुलाई तक का वक्त तय रखा है और चंद्रमा पर यान को छह सितंबर को उतारे जाने की संभावना है।
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