नई दिल्ली: लाइन ऑफ कंट्रोल यानी एलओसी के उस पार का इलाका जहां से होते हुए हिंदुस्तान की सरहद में दाखिल होते हैं पाकिस्तानी आतंकी। कहीं साढ़े आठ हज़ार फीट की ऊंचाई है तो कहीं 12 हज़ार फीट की खाई है लेकिन आतंकियों के पैरों की आहट वहां अक्सर सुनाई देती है। हम जिस इलाके की बात कर रहे हैं वो पाकिस्तान के कब्ज़े वाला कश्मीर है।
जम्मू कश्मीर में करीब 12 सौ किलोमीटर से ज्यादा की लंबी सरहद पर हिंदुस्तान के जांबाज़ों का मुक़ाबला पाकिस्तान के पाले-पोसे आतंकियों से हर रोज़ होता रहता है। इंटरनेशनल बॉर्डर से लेकर एलओसी तक ऐसे कई ठिकाने और लॉन्च पैड्स हैं जहां से पाकिस्तानी फौज की शह पर आतंकी घुसपैठ की कोशिशें करते हैं जिनमें सबसे अहम है पीओके का हाजी पीर पास।
करीब साढ़े आठ हज़ार फीट की ऊंचाई पर स्थित हाजी पीर दर्रा वही इलाका है जहां से भारत में आतंकियों की सबसे ज्यादा घुसपैठ होती हैं। एलओसी के उस पार पीओके के इस इलाके में पाकिस्तानी फौज दहशतगर्दों को ट्रेनिंग देती है, लॉन्च पैड तैयार करती है और मौका मिलने पर भारत की सरहद में घुसपैठ करवाती हैं।
पिछले कुछ साल के दौरान हाजी पीर दर्रा, घुसपैठ के लिए आतंकियों की सबसे मुफीद जगह बन चुका है और इसकी वजह है यहां से एसओसी का बिलकुल करीब होना। इसके अलावा इस इलाके की भोगोलिक स्थिति भी बेहद चुनौतीपूर्ण है। हाजी पीर नाला इस इलाके में भारत और पाकिस्तान की सरहद को अलग करता है। पाकिस्तानी फौज की गोलीबारी की शह में आतंकी, हाजी पीर वाले इसी नाले को पार कर हमारी सरहद में दाखिल होने की कोशिश करते हैं और कई बार कामयाब भी हो जाते हैं।
फार्वर्ड पोस्ट्स पर पाकिस्तानी आर्मी का एक ही मकसद होता है और वो ये कि वहां से दहशतगर्दों को सही सलामत सरहद के उस पार पहुंचा दिया जाए। इसके लिए पाकिस्तानी फौज के बंकर भी इस्तेमाल किए जाते हैं। जब आतंकियों को नेस्तनाबूद करने के लिए भारतीय फौज की बंदूकें गोलियां उगलती हैं तो पाकिस्तान की फौज के इन बंकरों में ही आतंकवादी छिप जाते हैं और इन्हीं बंकर्स से पाकिस्तान की कायर आर्मी आतंकियों को कवर फायर भी देती है।
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