Exclusive: कैसे PFI देशभर में मुसलमानों के बीच भड़का रहा है देशद्रोह की भावनाएं
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने आज खुलेआम मोदी सरकार को गिराने की बात की। देश की महिलाओं से कहा कि कुछ भी हो जाए विरोध-प्रदर्शन को जारी रखना है और इसे खत्म नहीं होने देना है।
नई दिल्ली: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने आज खुलेआम मोदी सरकार को गिराने की बात की। देश की महिलाओं से कहा कि कुछ भी हो जाए विरोध-प्रदर्शन को जारी रखना है और इसे खत्म नहीं होने देना है। PFI ने एलान किया है कि कि देश में जहां भी मोदी सरकार के खिलाफ और CAA के नाम पर प्रोटेस्ट हो रहा है..उसे PFI हर तरीके से समर्थन करेगा। असल में सोमवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने अपने स्थापना दिवस के बहाने....केरल और कर्नाटक में बड़ा मार्च निकाला। अपने कारकूनों को सड़कों पर उतार दिया और फिर प्रधानमंत्री और RSS का नाम लेकर मुसलमानों के दिल में खौफ पैदा करने की कोशिश की।
कर्नाटक के मेंगलुरु में इस ऑर्गनाइजेशन के लीडर्स ने कहा कि अब मुसलमानों को आखिरी दम तक लड़ना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो मुसलमान सुरक्षित नहीं रहेंगे। कर्नाटक में PFI के प्रेसिडेंट ने आरएसस को कैंसर बता दिया। उन्होंने कहा कि कैंसर को खत्म करने पर ही मुसलमानों को चैन मिलेगा....चाहे इसमें कितनी भी कुर्बानी देनी पड़े।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नाम सीएए के खिलाफ यूपी में हुई हिंसा और आगजनी में भी सामने आया था। इस हिंसा के लिए 120 करोड़ की फंडिंग के पीछे जिस पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नाम आया है। इनके भाषणों से अंदाजा हो जाता है..कि इनके इरादे क्या हैं?
मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने जामिया हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में शरजील इमाम पर हिंसा को भड़काने के आरोप हैं..लेकिन नोट करनेवाली बात ये भी है कि इसी चार्जशीट में PFI का जिक्र किया गया है। यानी पुलिस को लगता है कि पिछले साल 15 दिसंबर को जामिया में हुई हिंसा का PFI से कनेक्शन है। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है। हालांकि जेल में बंद शरजील इमाम को लेकर नया खुलासा हुआ...पुलिस के मुताबिक जामिया में छोटी पत्थरबाजी की घटना से शरजील खुश नहीं था..वो बड़े पैमाने पर हिंसा भड़काना चाहता था।
अब अलग अलग शहरों में भडकाऊ स्पीच के तौर पर सामने आ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का नाम लेकर मुसलमानों को डराया जा रहा है। यानी केरल और कर्नाटक में PFI जो कुछ कहती है उसी तरह की जुबान महाराष्ट्र के औरंगाबाद, नांदेड़ और बीड में भी सुनाई पड़ती है। ऐसा ही एक नाम है दिलनवाज़ हुसैन....दिलनवाज़ हुसैन खुद को शरजील इमाम का सपोर्टर बताता है। सोशल मीडिया पर शरजील को रिहा करने के लिए कैंपेन चलाया है। खुद को जामिया का एक्स स्टूडेंट बताता है। दिलनवाज़ हुसैन ने कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के अलग अलग शहरों में शरजील के ही टेंपलेट को फॉलो करते हुए हेट स्पीच दी थी। दिलनवाज़ हुसैन ने एंटी CAA प्रोटेस्ट को इस्लाम को बचाने की लड़ाई बना दिया।