नई दिल्ली: लद्दाख में लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल पर उपजे ताजा हालात को लेकर सोमवार देर रात एक हाईलेवल मीटिंग हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल, सीडीएस बिपिन रावत और सेना प्रमुख नरवणे भी मौजूद थे। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सोमवार रात साढ़े 12 बजे तक प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, NSA, CDS और आर्मी चीफ लगातार LAC के हालात पर चर्चा करते रहे। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने ख़ुद इस हालात के बारे में एक ही जानकारी रक्षा मंत्री से और बाकी सभी लोगों से ली है।
बताया जा रहा है कि चीनी सेना क़रीबन 300 मीटर अपनी पोज़ीशन से आगे आने की कोशिश में लगी हुई थी। उसी दौरान भारतीय सेना ने इस एक्शन को किया और भारतीय सेना को देखकर कि वो चोटियों पर बैठे हैं वो चीनी सेना रुक गए। घटना 29-30 अगस्त की रात की है। जब चीनी सेना ने घुसपैठ की कोशिश की, जिसका जवाब देते हुए भारतीय सेना ने न सिर्फ न ब्लैक टॉप पोस्ट पर कब्जा जमाया, बल्कि चीनी सेना के कैमरे और सर्विलांस उपकरणों को हटा दिया है।
बता दें कि भारतीय सेना ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पार नहीं किया है। भारतीय सेना के स्पेशल फ्रंटियर फोर्स और साथ में बाकी जवानों की तैनाती अलग-अलग इलाकों में है। कुल मिलाकर 45,000 के लगभग जवान जोकि 5 डिवीजन के हैं वे इस समय लद्दाख के इलाके में तैनात हैं। इंडिया टीवी को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना ने सबसे पहले लैपटॉप और हेलमेट टॉप की चोटियों पर अपने जवानों की तैनाती की। दरअसल ये पेंगोंग सो के दक्षिणी छोर की तरफ हैं।
चुशुल इलाके की बात करें तो यह एक बाउल की तरह है और उसके ठीक सामने चीन का स्पांगर गैप का इलाका लगता है। इसके नॉर्थवेस्ट इलाके में ब्लैक टॉप की चोटियां है। ये छोटी लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल में भारतीय सीमा के अंदर है और इसी के ऊपर जाकर भारतीय सेना ने अपना दबदबा कायम कर लिया है। इस चोटी पर बैठने के बाद अगर चीन अपने टैंकों को लेकर आता है तो उसे रोकने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से सक्षम होगी।
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