दिल्ली: दिल्ली में दंगों को लेकर आज एक बड़ा खुलासा हुआ है और ये खुलासा IB अफसर अंकित शर्मा के मर्डर के आरोपी ताहिर हुसैन से जुड़ा है। आरोप है कि दंगे वाले दिन पूरी प्लानिंग के तहत ताहिर के घर में लगे सीसीटीवी कैमरों का एंगल बदल दिया गया था जबकि कुछ कैमरे के तार काट दिए गए थे ये किसने किया इसकी जांच जारी है लेकिन क्यों किया ये साफ है। कोई है जो ये नहीं चाहता था कि दंगों के गुनाहगारों का चेहरा कैमरे में कैद हो।
ताहिर हुसैन के घर पर लगा सीसीटीवी कैमरे का कटा हुआ तार दंगों की पूरी कहानी बयां कर रहा है। जिस घर के मेनगेट पर सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से दिल्ली के गुनाहगारों के चेहरे कैद किए जा सकते थे, दिल्ली को जलाने की साजिश सबके सामने लाई जा सकती थी उन कैमरों को आख़िर क्यों तोड़ा गया। कोई ये नहीं चाहता था कि दिल्ली के दंगाई को चेहरा पुलिस के सामने आ सके और वही हुआ। आरोप है कि दंगे वाले दिन पूरी प्लानिंग के तहत ताहिर के घर में लगे सीसीटीवी कैमरों का एंगल एडजस्ट किया गया। किसी कैमरे के तार काट दिए गए तो किसी का डायरेक्शन छत की तरफ कर दिया गया ताकि दंगे और खूनखराबे की कोई तस्वीर उन कैमरों में कैद ना हो सके।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक ताहिर के आस-पड़ौस में रहले वाले लोगों के मुताबिक दंगों से कुछ दिन पहले ताहिर के घर पर कुछ लोगों का आना-जाना अचानक बढ़ गया। आरोप है कि ये लोग कुछ न कुछ सामान लेकर किसी हिंसा की साजिश तैयार कर रहे थे। वैसे इस बात को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता कि ताहिर हुसैन की छत पर मौत का जितना सामान मिला वो अचानक औऱ बिना घर के मालिक की जानकारी के नहीं लाया जा सकता था अब ताहिर से इसी सच को जानने के लिए पुलिस का शिकंजा कस रहा है लेकिन ताहिर अब तक फरार है।
पुलिस के मुताबिक हिंसा के आखिरी दिन यानी 25 फरवरी से ही ताहिर हुसैन का मोबाइल बंद है। मोबाइल उसने अपने घर पर ही बंद किया और फिर परिवार के साथ फरार है। दिल्ली पुलिस उसकी तलाश में दिल्ली, एनसीआर और दिल्ली से बाहर कई इलाकों में दबिश दे रही है लेकिन अब तक कोई पता नहीं चला है। ज़ाहिर है ताहिर के फरार होने की वजह से सीसीटीवी की फुटेज का राज भी अंधेरे में हैं। जब ताहिर की गिरफ़्तारी नहीं हो जाती तब तक ये जानना मुश्किल है कि किसके कहने पर दंगाइयों ने ताहिर के घर के सीसीटीवी कैमरों से छेड़छाड की थी।
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