नई दिल्ली: असम में एनआरसी की ड्राफ्ट रिपोर्ट को लेकर पूरे देश में घमासान मचा है। 40 लाख लोगों के नाम पर जमकर सियासत हो रही है। कांग्रेस से लेकर टीएमसी समेत तमाम दल एनआरसी पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन इस सबके बीच इंडिया टीवी के हाथ असम में बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को लेकर एक बेहद ही चौंकाने वाला वीडियो हाथ लगा है। 16 मिनट के इस वीडियो में दिखाया गया है कि असम से सटे भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की क्या स्थिति है। वो कौन से इलाके हैं जहां से घुसपैठिए असम में दाखिल होते हैं। ये वीडियो उस एक सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट का हिस्सा है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असम में घुसपैठ की स्थिति का पता लगाने के लिए गठित किया था।
ऑडियो-विजुअल की शक्ल में कमेटी की जांच रिपोर्ट को तो वैसे 2015 में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा गया था लेकिन इसमें जो बातें दिखाई और बताई गईं हैं वो बेहद चौंकाने वाले हैं। वैसे तो भारत-बांग्लादेश के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा करीब चार हजार किलोमीटर की है लेकिन असम से लगने वाली बांग्लादेश की सीमा 272 किलोमीटर की है। इसमें भी 95 किलोमीटर नदी सीमा है। यानी वो इलाका जो नदी के पानी से बंटा हुआ है। असम से सटी भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ की है।
सुप्रीम कोर्ट ने उपमन्यु हजारिका नाम के सीनियर एडवोकेट को जांच का जिम्मा सौंपा था। हजारिका ने अपनी रिपोर्ट में भारत-बांग्लादेश से सटे असम के टाकमारी नाम के एक ऐसे गांव का जिक्र है जो इंटरनेशनल बॉर्डर से महज बीस से तीस मीटर की दूरी पर है। यहां एक तरफ भारतीयों के घर दिखते हैं तो दूसरी तरफ बांग्लादेशियों के। हैरानी की बात ये है कि बॉर्डर से इतना करीब होते हुए भी ये पूरा इलाका बिना फेंसिंग के है। जाहिर है इस जैसे इलाके से घुसपैठ की आशंका सबसे ज्यादा रहती है।
जांच के दौरान उपमन्यु हजारिका तत्कालीन धुबरी सेक्टर के बीएसएफ के डीआईजी अजय सिंह से मिले। अजय सिंह के साथ ही हजारिका असम के टाकमारी गांव पहुंचे। गांव पहुंचने के बाद बीएसएफ के डीआईजी ने ही बताया बॉर्डर से बेहद करीब रहने वाले ग्रामीणों की अच्छी खासी संख्या है लेकिन इनकी वजह से घुसपैठ काफी होती है इसलिेए इन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना चाहिए।
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