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Hindi News भारत राष्ट्रीय Exclusive: लद्दाख में चीन को पुराने पोजिशन पर बरकरार दिखानेवाली सैटेलाइट तस्वीरों का सच

Exclusive: लद्दाख में चीन को पुराने पोजिशन पर बरकरार दिखानेवाली सैटेलाइट तस्वीरों का सच

दरअसल चीन के साथ लद्दाख रीजन में दो जगहों पर टेंशन है। पहला तो गलवान वैली और दूसरी पेंगोग त्सो लेक के आसपास। इन दोनों इलाकों की लेटेस्ट तस्वीरें इंडिया टीवी के पास है 

Exclusive: लद्दाख में चीन को पुराने पोजिशन पर बरकरार दिखानेवाली सैटेलाइट तस्वीरों का सच- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Exclusive: लद्दाख में चीन को पुराने पोजिशन पर बरकरार दिखानेवाली सैटेलाइट तस्वीरों का सच

नई दिल्ली: चीन के साथ सीमा विवाद के बाद से चीन की प्रोपेगंडा फैक्ट्री पूरी तरह से सक्रिय है। वहीं हमारे यहां के कुछ नेता चीन के प्रोपेगंडा को फैलाने में मदद  कर रहे हैं। दरअसल चीन के साथ लद्दाख रीजन में दो जगहों पर टेंशन है। पहला तो गलवान वैली और दूसरी पेंगोग त्सो लेक के आसपास। इन दोनों इलाकों की लेटेस्ट तस्वीरें इंडिया टीवी के पास है  वहीं पुरानी सेटेलाइट पिक्चर्स भी हैं। इन तस्वीरों को देखने से पता चलता है कि सोशल मीडिया के जरिए या फिर दूसरे प्लेटफॉर्म पर फैलाई जा रही जानकारी कितनी अधूरी और चीन के प्रोपेगंडा से प्रोरित है। 

सबसे ज्यादा चर्चा गुलाबी और भूरे रंग के अलग-अलग तस्वीरों की है। क्या पिंक कलर में दिख रही टेंटनुमा चीज़ वाकई में चाइनीज़ है ? क्या ये टेंट है...या कुछ और ? और सबसे बड़ी बात ये तस्वीर LAC पर चीन की सीमा के भीतर की है या फिर ये पूरा बिल्डअप भारतीय सेना का है। 

सोशल मीडिया पर 22 जून की इस तस्वीर के साथ 21 मई की तस्वीर भी शेयर की जा रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि LAC के पास जिस जगह पर 21 मई को कुछ चाइनीज़ सैनिक दिख रहे थे और टेंटनुमा जैसी चीज़ दिख रही थी उसमें 22 जून आते आते इज़ाफा हो गयाऔर सफेद रंग की आकृति की जगह पिंक कलर ने ले ली। 

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दरअसल, 21 मई और 22 जून की ये दोनों ही तस्वीरें भारत की ताकत का सबूत है। सैटेलाइट पिक्चर में जो भी स्ट्रक्चर्स दिखाई दे रहे हैं वो दरअसल वही स्ट्रक्चर्स हैं जो भारतीय सेना ने तेज़ी से बनाया था और ये सबकुछ 15 जून के बाद 16 से 22 जून के बीच हुआ। जब दोनों देशों के बीच दोबारा मोल्डो में बातचीत शुरु हुई। पिंक कलर में जो आकृति आपको दिखाई दे रही है वो भारतीय सीमा में बने हुए संगर्स हैं जिन्हें 15 जून की हिंसक झड़प के बाद 16 से 22 जून के बीच युद्ध स्तर पर काफी तेज़ी से बनाया गया और वो अभी भी वहीं मौजूद हैं। यानी भारत की सीमा में ही हैं। चूंकि पिंक कलर के संगर्स भारत की सीमा में हैं इसलिए भारत को उन्हें डेमोलिश करने की ज़रुरत नहीं है। संगर्स इस इलाके में इसलिए तेज़ी से बनाए गए क्योंकि ये वही फ्लैश प्वाइंट था जहां चीन और भारत की सेना का आमना सामना हुआ था। इसे देखते हुए चीन ने भी कुछ तंबू खड़े किए हैं। 

सच्चाई ये है कि एलएसी पर चीन की हेकड़ी निकालने के लिए भारतीय सेना ने सारी तैयारी कर रखी है। चीन अगर एक टेंट खड़ा कर रहा है तो भारत की सेना बड़ी संख्या में संगर्स खड़े कर रही है। 15 जून को जिस पीपी प्वाइंट 14 पर हिंसक झड़प हुई थी। वहां भी भारतीय सेना पूरी तरह मुस्तैद है। लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों के बहाने एलएसी पर चीन को मज़बूत दिखाने की नापाक कोशिश हो रही है।

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