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Hindi News भारत राष्ट्रीय सैंकड़ों वर्षों की गुलामी से अपनी परंपरा को हीन समझने लगे हैं हम, योग के बाद दुनिया को आयुर्वेद सिखाने की जरूरत: पीएम मोदी

सैंकड़ों वर्षों की गुलामी से अपनी परंपरा को हीन समझने लगे हैं हम, योग के बाद दुनिया को आयुर्वेद सिखाने की जरूरत: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से आयुर्वेद पर काम करके उसे दुनिया के सामने रखने के अपील की, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत के युवाओं को इस चुनौती को स्वीकार करना होगा जैसे विश्व ने योग को सहज स्वीकर किया है, वैसे ही हजारों वर्षों पुराने हमारे आयुर्वेद के सिद्धांतों को भी विश्व अवश्य स्वीकार करेगा।

<p>Evidence based research need to promote ayurveda...- India TV Hindi Image Source : Evidence based research need to promote ayurveda worldwide says PM Modi in Mann Ki Baat

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत में कोरोना की इस संकट की घड़ी में पूरी दुनिया में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भारत के योग और आयुर्वेद की चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के युवाओं से अपील की है कि वे भारत में आयुर्वेदिक परंपरा को दुनिया के सामने वैज्ञानिक आधार पर रखें क्योंकि दुनिया विज्ञान की भाषा ही समझती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस तरह से दुनिया ने सहजता के साथ योग को अपनाया है उसी तरह आयुर्वेद को भी अपनाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कहा, “दुनियाभर में भारत के योग और आयुर्वेद के महत्व को भी लोग बड़े विशिष्ट भाव से देख रहे हैं, सोशिल मीडिया पर हर तरफ इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भारत के योग और आयुर्वेद की चर्चा हो रही है। कोरोना की दृष्टि से आयुष मंत्रालय ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जो प्रोटोकॉल दिया था, मुझे विश्वाश है आप उसका उपयोग जरूर कर रहे होंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह दुर्भाग्य रहा है कि कई बार हम अपनी शक्तियां और समृद्ध परंपरा को पहचानने से इनकार कर देते हैं, लेकिन जब विश्व का कोई दूसरा देश सबूतों पर की गई रिसर्च के आधार पर वही बात करता है, हमारा ही फार्म्युला हमे सिखाता है तो हम उसे हाथों हाथ ले लेते हैं। इसके पीछे बहुत बड़ा कारण संभवत: सैंकड़ों वर्षों की हमारी गुलामी का कालखंड रहा है, इस वजह से हमें कभी अपनी ही शक्ति पर विश्वास नहीं होता। हमें अपनी ही शक्ति पर विश्वास नही होता, हमारा आत्मविश्वाष कम नजर आता है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं से आयुर्वेद पर काम करके उसे दुनिया के सामने रखने के अपील की, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत के युवाओं को इस चुनौती को स्वीकार करना होगा जैसे विश्व ने योग को सहज स्वीकर किया है, वैसे ही हजारों वर्षों पुराने हमारे आयुर्वेद के सिद्धांतों को भी विश्व अवश्य स्वीकार करेगा। इसके लिए युवाओं को संकल्प लेना होगा और दुनिया जिस भाषा में समझती है उस वैज्ञानिक भाषा में हमें समझाना होगा और कुछ करके दिखाना होगा।”

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