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Hindi News भारत राष्ट्रीय यूरोपियन यूनियन का दो दिन का कश्मीर दौरा, केंद्र शासित प्रदेश में बदलाव, विकास देखकर डेलिगेशन खुश

यूरोपियन यूनियन का दो दिन का कश्मीर दौरा, केंद्र शासित प्रदेश में बदलाव, विकास देखकर डेलिगेशन खुश

कई यूरोपीय देशों और ओआईसी के कुछ देशों के राजनयिकों के एक समूह का जम्मू कश्मीर का दो दिवसीय दौरा बुधवार से शुरू हो गया जो केंद्र शासित प्रदेश में खासकर हाल में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के बाद की स्थिति का जायजा लेगा। 

EU delegation arrives in Kashmir, meets SMC Mayor, local governance representatives in Srinagar- India TV Hindi Image Source : PTI कई यूरोपीय देशों और ओआईसी के कुछ देशों के राजनयिकों के एक समूह का जम्मू कश्मीर का दौरा शुरू हो गया।

श्रीनगर: कई यूरोपीय देशों और ओआईसी के कुछ देशों के राजनयिकों के एक समूह का जम्मू कश्मीर का दो दिवसीय दौरा बुधवार से शुरू हो गया जो केंद्र शासित प्रदेश में खासकर हाल में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के बाद की स्थिति का जायजा लेगा। डेलीगेशन में चिली, ब्राजील, क्यूबा, बोलिविया, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड्स, पुर्तगाल, यूरोपीय यूनियन, बेल्जियम, स्पेन, स्वीडन, इटली, बांग्लादेश, मलावी, इरिट्रिया, आईवरी कोस्ट, घाना, सेनेगल, मलेशिया, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान के डिप्लोमैट्स शामिल हैं।

इस डेलिगेशन को यूरोपीय यूनियन के भारत में राजदूत उगो एस्टुटो लीड कर रहे हैं। फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लिनेन और ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन के मेंबर भी टीम का हिस्सा हैं। डेलीगेशन सबसे पहले बडगाम जिले के मगम ब्लॉक पहुंचा जहां उन्हें पंचायतीराज और लोगों की समस्याओं का हल कैसे किया जाता है उसके बारे में जानकारी दी गई। उन्हें ये भी बताया गया कि कैसे पंचायत के लोग गांव के घर-घर जाकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं।

बता दें कि पांच अगस्त 2019 को पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद से यह तीसरा डेलीगेशन है जिसने जम्मू कश्मीर का दौरा किया है। मागम में राजनयिकों का यह डेलीगेशन एक कॉलेज गया जहां उनका पारंपरिक तरीक से स्वागत किया गया। उन्होंने वहां स्थानीय लोगों से बात की। अधिकारियों ने कहा कि डेलीगेशन और स्थानीय लोगों के बीच खुलकर चर्चा हुई। 

राजनयिकों से बात करने वाले डीडीसी बडगाम के अध्यक्ष नजीर अहमद ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने सरकार द्वारा खाद्य, बिजली और अच्छी सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता जताई। अहमद ने कहा, ‘‘बडगाम एक पिछड़ा जिला है जिसे विकास की आवश्यकता है। हमारी चर्चा इसी के इर्द-गिर्द थी।’’ बाद में, डेलीगेशन को प्रसिद्ध डल झील के पास स्थित एक होटल ले जाया गया जहां राजनयिकों ने श्रीनगर के महापौर, नवगठित जिला विकास परिषदों, खंड विकास परिषदों और नगर परिषदों के अध्यक्षों से बात की। 

डेलीगेशन को जमीनी स्तर पर लोकतंत्र सुनिश्चित करने और जम्मू कश्मीर में पंचायतों को वित्तीय शक्तियां प्रदान कर उन्हें मजबूत बनाने की सरकार की पहल से अवगत कराया गया। अधिकारियों ने कहा कि डेलीगेशन में ओआईसी से जुड़े देशों के राजनयिकों को शामिल करना एक महत्वपूर्ण चीज है जिससे कि केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति को लेकर पाकिस्तान के दुष्प्रचार का आसानी से मुकाबला किया जा सके। 

गौरतलब है कि ओआईसी के महासचिव की विदेश मंत्रियों की परिषद के 47वें सत्र में रखी गई रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर की स्थिति का जिक्र किया गया था और कहा गया था, ‘‘क्षेत्र के जनांकिक और भौगोलिक समीकरण को बदलने की दिशा में पांच अगस्त 2019 का भारत सरकार के फैसले और लगातार बाधित गतिविधियों और जारी प्रतिबंधों तथा मानवाधिकारों के उल्लंघन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नए प्रयासों के लिए जागृत किया है।’’

घाटी में अपने पड़ाव के दौरान डेलीगेशन डल झील के किनारे स्थित हजरत बल दरगाह जाएगा और दस्तकारों से मुलाकात भी करेगा। इसके बाद राजनयिकों का यह डेलीगेशन बृहस्पतिवार को जम्मू जाएगा जहां यह अधिकारियों और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात करेगा। इस बीच, एक संबंधित घटनाक्रम में श्रीनगर के कुछ हिस्सों में आज बंद रहा। लाल चौक और आसपास के कुछ इलाकों में दुकानें बंद रहीं क्योंकि अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल का निर्बाध दौरा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए थे। हालांकि, सड़कों पर यातायात सामान्य था।

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