नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि भारत ताजमहल होने के बावजूद अधिकारियों की ‘‘सुस्ती और उदासीनता’’ के कारण पर्यटकों और विदेशी मुद्रा को गंवा रहा है जबकि फ्रांस की राजधानी पेरिस के एफिल टॉवर को देखने आगरा के ऐतिहासिक स्मारक से आठ गुना ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं। ताज और एफिल टॉवर की तुलना करते हुए अदालत ने कहा कि पिछले साल भारत की यात्रा पर केवल एक करोड़ विदेशी पर्यटक आये थे जबकि आठ करोड़ पर्यटक पेरिस पहुंचे।
जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘‘पेरिस में एफिल टॉवर है। शायद इसमें ताजमहल से तुलना करने लायक कुछ नहीं है। वहां (पेरिस) आठ करोड़ लोग जाते हैं। यह हमारे यहां आने वाले पर्यटकों से आठ गुना ज्यादा है। आप ताज को ध्वस्त कर सकते हैं, हम ऐसा नहीं चाहते।’’ सुनवाई के दौरान , पीठ ने केन्द्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ए एन एस नादकर्णी से पूछा कि एक साल में भारत कितने पर्यटक आते हैं।
जब नादकर्णी ने कहा कि 2017 में भारत में एक करोड़ पर्यटक आए तो पीठ ने कहा, ‘‘हम केवल एक करोड़ लोगों से खुश हैं। यह पूरी तरह से सुस्ती और उदासीनता है। विदेश में लोग धन कमा रहे हैं लेकिन यहां कोई चिंतित नहीं है।’’ एफिल टावर का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा कि भारत में सुरक्षा को लेकर चिंता है लेकिन दूसरे देशों में टीवी टावर की तरह टावर बनाए गए हैं जहां से पर्यटक पूरे शहर का नजारा देख सकते हैं। विदेशी शहरों में आपको शहर का विहंगम दृश्य देखने के लिए इस तरह के टावर मिल जायेंगे। यहां इस तरह के टावर नहीं हैं। (भाषा)
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