नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई की एक अदालत का रूख कर माफिया इकबाल मिर्ची के परिवार के तीन सदस्यों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का अनुरोध किया है। एजेंसी ने शुक्रवार को इस बारे में बताया। इकबाल मिर्ची की 2013 में मौत हो गयी थी। एजेंसी ने कहा कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) कानून की धारा 12 के साथ धारा चार के तहत अदालत में एक याचिका दायर की गयी है।
याचिका में जुनैद इकबाल मेमन, आसिफ इकबाल मेमन (मिर्ची के बेटे) और हजरा मेमन को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का अनुरोध किया गया है। जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि कानून के तहत उनकी संपत्ति जब्त करने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया गया है। एफईओ कानून के तहत 100 करोड़ या उससे ज्यादा के मामले और देश से भाग जाने और वापस नहीं आने की स्थिति में वारंट जारी होने पर व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाता है।
बता दें कि, विजय माल्या, नीरव मोदी और कुछ अन्य आरोपी धनशोधन के मामले में ईडी की जांच के आधार पर पूर्व में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किये जा चुके हैं। मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गयी कई एफआईआर का अध्ययन करने के बाद ईडी ने मिर्ची, उसके परिवार और अन्य आरोपियों के खिलाफ पिछले साल धनशोधन का मामला दर्ज किया था। इकबाल मिर्ची की 2013 में 63 साल की उम्र में मौत हो गयी थी। मिर्ची को आतंकवादी दाउद इब्राहिम का खास माना जाता था।
ईडी ने कहा, ‘‘पहले चरण में (मुंबई में) सीजे हाउस की तीसरी मंजिल और चौथी मंजिल समेत भारत में 15 संपत्तियों और छह बैंक खातों में जमा 1.9 करोड़ रुपये की रकम को जब्त करने की इजाजत देने का अनुरोध किया है। ’’ बयान में कहा गया, ‘‘ईडी को भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून के तहत पूरक अर्जी दाखिल करने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया गया है।’’
ईडी धन शोधन रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मिर्ची, उसके परिवार तथा अन्य के खिलाफ जांच कर रही है और इस मामले में अब तक 798 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गयी है। ईडी द्वारा आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद मिर्ची के परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है । ईडी के समन और अदालत द्वारा जारी वारंट से बचने के लिए मिर्ची के परिवार के तीनों लोग विदेश में कहीं छिपे हैं।
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