नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के परिवार को राजनीतिक संरक्षण की गहरी व्यवस्था के तहत राज्य में अवैध कोयला खनन से अर्जित अवैध धन से फायदा हुआ। ईडी ने पश्चिम बंगाल के पुलिस अधिकारी और बांकुड़ा थाने के प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा की हिरासत बढ़ाने के लिए विशेष अदालत के समक्ष प्रस्तुत हिरासत नोट में बुधवार को यह दावा किया। पुलिस अधिकारी के अलावा तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई के नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा को ईडी ने एक मामले में गिरफ्तार किया, जिसमें स्थानीय कारोबारी अनूप माझी उर्फ लाला मुख्य संदिग्ध है।
ईडी ने तीन अप्रैल को निरीक्षक को गिरफ्तार किया था और अदालत ने बुधवार तक उन्हें हिरासत में भेज दिया। अदालत ने ईडी को दी गयी उनकी हिरासत 12 अप्रैल तक बढ़ा दी। सीबीआई की नवंबर 2020 की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया।
सीबीआई ने आसनसोल के आसपास कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाके में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड से संबंधित करोड़ों रुपये की कोयला चोरी का आरोप लगाया था। ईडी ने हिरासत नोट में आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ दल के संरक्षण में अवैध कोयला खनन के मामले खूब फले-फूले हैं। एजेंसी ने माझी, विनय और विकास मिश्रा से पुलिसकर्मी को जोड़ते हुए अभिषेक बनर्जी के परिवार तक इसके तार जुड़े होने का आरोप लगाया है। डायमंड हार्बर सीट से सांसद अभिषेक बनर्जी ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है।
ईडी ने कहा है कि माझी और नीरज सिंह के पास से जब्त दस्तावेजों से पता चलता है कि अवैध कोयला खनन से अर्जित धन का गोपनीय तरीके से भुगतान किया है। एजेंसी ने दावा किया, ‘‘आगे खुलासा हुआ है कि दो साल से भी कम समय में माझी ने कोयला के अवैध खनन के जरिए 1352 करोड़ रुपये की रकम अर्जित की है।’’
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