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Hindi News भारत राष्ट्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त में किए ये प्रमुख ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त में किए ये प्रमुख ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेजी की चौथी किस्त पेश करते हुए कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, MROs, बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र, परमाणु ऊर्जा क्षेत्रों पर बात की।

Finance Minister Nirmala Sitaraman- India TV Hindi Image Source : TWITTER ANI वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 

नई दिल्ली. शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेजी की चौथी किस्त पेश करते हुए कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, MROs, बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र, परमाणु ऊर्जा क्षेत्रों की बात करते हुए कई बड़े ऐलान किए। आइए आपको बतातें हैं वित्त मंत्री द्वारा किए गए प्रमुख ऐलान।

  • वित्त मंत्री ने कहा कि कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन शुरू होगा, सरकार का एकाधिकार समाप्त होगा। कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन के लिए प्रतिटन शुल्क टन की व्यवस्था के बजाय राजस्व-भागीदारी व्यवस्था पेश की जाएगी। खदानों से निकाले गये कोयले के उठाव पर सरकार 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी
  • उन्होंने कहा कि खनिज क्षेत्र में निर्बाध खोज-खनन-उत्पादन व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी। 500 ब्लॉकों की नीलामी होगी। 
  • डिफेंस क्षेत्र पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ हथियारों/हथियार मंचों के आयात पर रोक लगाएगी, ऐसे हथियार और साजो सामान की खरीद सिर्फ भारत से की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की जाएगी।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि इंडियन एयर स्पेस के उपयोग पर प्रतिबंध को कम किया जाएगा ताकि नागरिक उड़ान अधिक कुशल हो। इससे विमानन क्षेत्र को प्रति वर्ष 1000 करोड़ रुपये का कुल लाभ होगा।
  • उन्होंने कहा कि 8100 करोड़ रुपये की वायबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम की मदद से सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • वित्त मंत्री ने कहा कि छह और हवाईअड्डों में निजी कंपनियों की भागीदारी के लिये नीलामी की जायेगी, 12 हवाई अड्डों में निजी कंपनियों से 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश।
  • केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों का निजीकरण किया जायेगा।

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