भारतीय निर्वाचन आयोग ने चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों द्वारा उनके आपराधिक इतिहास को सार्वजनिक करने को लेकर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। चुनाव आयोग द्वारा शुक्रवार को जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, इन दिशा-निर्देशों में प्रत्याशियों के साथ उन्हें चुनावी मैदान में उतारने वाली पार्टी को भी कुछ नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है।
चुनाव आयोग द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के मुताबिक, चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी और उसकी पार्टी को उम्मीदवार के आपराधिक विवरण (यदि कोई हो तो) को अखबार और टेलीविजन में प्रकाशित करवाना होगा। विज्ञप्ति के मुताबिक, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को यह काम 3 बार करना होगा। चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि उम्मीदवार के आपराधिक विवरण का पहली बार प्रकाशन नाम वापसी की अंतिम तारीख के पहले 4 दिनों के भीतर करवाना होगा।
विज्ञप्ति के मुताबिक, दूसरी बार अपना
आपराधिक विवरण नाम वापसी की अंतिम तारीख के पांचवे से आठवें दिन के भीतर अखबार और टेलीविजन में प्रकाशित करवाना होगा। चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक, तीसरी बार प्रचार के नौवें दिन से अंतिम दिन तक उम्मीदवार के आपराधिक विवरण का प्रकाशन इन दोनों माध्यमों पर करवाना होगा। निर्विरोध रूप से जीतने वाले प्रत्याशी और उसकी पार्टी को भी आपराधिक इतिहास (अगर कोई हो तो) से जुड़ी जानकारी प्रकाशित करवानी होगी।
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