दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर पीएम मोदी का आज रोड शो, सोलर पावर से लैस देश के पहले हाईवे का करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के पहले सोलर पॉवर से लैस हाइवे का उद्घाट करेंगे। आपको बता दें कि उद्घाटन से पहले मोदी दिल्ली से मेरठ हाईवे पर खुली जीप में 6 किलोमीटर तक लंबा रोड शो भी करेंगे। सबसे दिलचस्प बात यह है कि एक्सप्रेसवे बनने के बाद आप दिल्ली से मेरठ तक का सफर सिर्फ 45 मिनट में पूरा कर सकेंगे। अगर इस हाइवे की बात करें तो इसको बनने 841 करोड़ की लागत आई है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के पहले सोलर पॉवर से लैस हाइवे का उद्घाट करेंगे। आपको बता दें कि उद्घाटन से पहले मोदी दिल्ली से मेरठ हाईवे पर खुली जीप में 6 किलोमीटर तक लंबा रोड शो भी करेंगे। सबसे दिलचस्प बात यह है कि एक्सप्रेसवे बनने के बाद आप दिल्ली से मेरठ तक का सफर सिर्फ 45 मिनट में पूरा कर सकेंगे। अगर इस हाइवे की बात करें तो इसको बनने 841 करोड़ की लागत आई है।
साथ ही प्रधानमंत्री सोनीपत के कुंडली से पलवल के बीच बने देश के पहले स्मार्ट और ग्रीन एक्सप्रेसवे की भी शुरुआत करेंगे। 135 किली लंबे ईपीई को तैयार करने में 11 हजार करोड़ का खर्च आया है। इसी परियोजना के उद्घाटन में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों हाईवे अथॉरिटी को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर प्रधानमंत्री व्यस्त हैं तो इसे 1 जून से खोल दिया जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आज दो एक्सप्रेस वे की सौगात देनेवाले हैं। विदेशी सड़कों की तरह मॉडर्न और रफ्तार के साथ सुरक्षा की गारंटी और खूबसूरती के बीच सफर का सुहाना एहसास करानेवाली सड़क ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के साथ ही पीएम मोदी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे भी जनता को समर्पित करेंगे। मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के बाद दिल्ली एनसीआर को गिफ्ट के तौर पर सड़क के साथ बहुत बड़ी सहूलियत मिलनेवाली है । ये दोनों एक्सप्रेस वे वर्ल्ड क्लास के हैं और तय वक्त से पहले तैयार हुए हैं । दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे का काम अभी यूपी के बॉर्डर तक पूरा हुआ है जबकि दिल्ली को जाम और प्रदूषण से बचाने के लिए बने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पूरी तरह से तैयार है, इस एक्सप्रेस वे से 4 घंटे में तय होनेवाली दूरी महज 72 मिनट में तय होगी ।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे
दिल्ली टू मेरठ सिर्फ 45 मिनट में । जी हां ये मुमकिन होनेवाला है ऐसे ही शानदार एक्सप्रेस वे की बदौलत । जरा देखिए चमचमाती हुई सड़क और उसपर रफ्तार से दौड़ती गाड़ियां । दोनों ओर गार्डन, सोलर पैनल से जलनेवाली लाइट्स । ऑटोमैटिक टोल प्लाजा । ओवरलोडिंग का पता लगानेवाली हाईटेक सेंसर । ओवरस्पीडिंग पकड़ने वाले कैमरे की सुरक्षा और तमाम सुविधाएं । ये मॉडल किसी विदेशी सड़क का नहीं । बल्कि उन दो एक्सप्रेस वे का है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी रविवार को करने वाले हैं । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दो हाईटेक और स्मार्ट एक्सप्रेस वे की सौगात देंगे । मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के बाद दिल्ली एनसीआर को गिफ्ट के तौर पर सड़क के साथ बहुत बड़ी सहूलियत मिलनेवाली है । ये दोनों एक्सप्रेस वे वर्ल्ड क्लास के हैं और तय वक्त से पहले तैयार हुए हैं । दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे का काम अभी यूपी के बॉर्डर तक पूरा हुआ है जबकि दिल्ली को जाम और प्रदूषण से बचाने के लिए बने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पूरी तरह से तैयार है, इस एक्सप्रेस वे से 4 घंटे में तय होनेवाली दूरी महज 72 मिनट में तय होगी ।
देश का पहला स्मार्ट एक्सप्रेस वे
दिल्ली की सीमा से निकलते ही हरियाणा के सोनीपत के कुंडली से शुरू होता है देश का सबसे मॉडर्न एक्सप्रेस वे । यह 6 लेन की चौड़ी है। इस एक्सप्रेस वे पर स्पीड लिमिट 120 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है । कुंडली से एंट्री करते ही 170 फीट ऊंचे टोल प्लाजा पर गाड़ियों को टोल के लिए रुकना होगा ।
जापान के इंजीनियरों की मदद से तैयार इस टोल प्लाजा में ही कंट्रोल रुम भी है जिसके जरिए पूरे एक्सप्रेस वे पर कैमरों से नजर रखी जाएगी । यहां ऐसी हाईटेक मशीन है जो ओवरलोडेड ट्रक की पहचान कर लेगा और उसे एक्सप्रेस वे जाने से रोक दिया जाएगा । यहीं स्पीड लिमिट तोड़ने वालों का चालान होगा । 135 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे जरिए कुंडली से पलवल तक का सफर किया जा सकता है लेकिन टोल टैक्स सिर्फ उतनी ही दूरी का लिया जाएगा जिसका इस्तेमाल आप करेंगे ।
कुंडली से शुरूहोने वाला ये ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे मांवीकलां , दुहाई, डासना, भील अकबरपुर, कासना-सिकंदरा रोड फैजुपुर खादर और मौजपुर के पास से पलवल तक जाएगा । इस पेरिफेरल एक्सप्रेस वे का इस्तेमाल गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा और बागपत के लोग भी कर सकेंगे । मॉडर्न और हाईटेक एक्सप्रेस वे पर लाइट्स के लिए सोलर पैनल्स लगाए गए हैं । एक्सप्रेस वे पर सोलर सिस्टम से 4 मेगावाट बिजली पैदा होगी । ये देश का पहला ऐसा एक्सप्रेस वे है जिसमें बगीचे बने हैं । दोनों ओर ढाई लाख पौधे लगाए जाएंगे । एक्सप्रेस वे पर पेट्रोल पंप, होटल, रेस्टोरेंट, दुकानें तमाम चीजें रहेंगी ।
एक्सप्रेस वे पर सुविधाओं के साथ इसकी खूबसूरती का भी ध्यान रखा गया है । एलईडी बल्ब से जगमगाती सड़क आपको विदेश में सफर करने का एहसास कराएगी । मोदी सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को रिकॉर्ड टाइम में पूरा किया गया है । इसे बनाने के लिए 910 दिनों का टारगेट रखा गया था लेकिन काम सिर्फ 500 के रिकॉर्ड दिनों में पूरा हो गया ।135 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे दो जगहों पर यमुना नदी को क्रॉस करेगा ।
- 4 बड़े पुल
- 46 छोटे पुल
- 3 फ्लाइओवर्स
- 221 अंडरपास
- 7 इंटर चेंज हैं
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे
दिल्ली से मेरठ जाने वाले लोगों की सबसे बड़ी टेंशन भी दूर होने वाली है। क्योंकि दिल्ली से मेरठ को जोड़ने वाले हिंदुस्तान के पहले 14 लेन वाले एक्सप्रेसवे के पहले चरण का काम पूरा हो चुका है। जिसका उद्घाटन कल पीएम मोदी करने वाले हैं। फिलहाल, दिल्ली से यूपी गेट का काम पूरा हुआ है। जिसकी बदौलत दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाले लोगों को जाम वाली मुसीबत से पूरी तरह से छुटकारा मिल जाएगा। यह हिंदुस्तान का पहला 14 लेन का एक्सप्रेसवे है । इसे दिल्ली के सरायकाले खां से बनाया गया है। पूरी 14 लेन वाले शानदार, जानदार और दमदार एक्सप्रेसवे का पहला चरण रिकॉर्ड 18 महीने में बनकर तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार की सुबह डिजिटल बटन दबाकर इसका उद्घाटन करेंगे।
हिंदुस्तान का 'अजूबा' एक्सप्रेसवे
- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का 9 किलोमीटर हिस्सा तैयार है।
- जो दिल्ली के सरायकाले खां से यूपी गेट तक है।
- इस हिस्से को बनाने में 842 करोड़ की लागत आई है।
- जबकि पूरा प्रोजेक्ट करीब 90 किलोमीटर लंबा है।
- जिस पर करीब 7 हजार करोड़ की लागत आएगी।
- इसके बन जाने पर 3-4 घंटे का सफर 30-45 मिनट में पूरा हो सकेगा।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसव एक तरफ तो समय बचाएगा वहीं यहां पर सौंदर्यीकरण के कई काम किए गए हैं। दिन के उजाले में इस एक्सप्रेसवे पर फर्राटे के साथ गाड़ियां नॉन स्टॉप दौड़ेंगी तो रात में इसे रौशन करेगी सौर ऊर्जा वाली दुधिया रोशनी। ये एक्सप्रेसवे सिर्फ दिल्ली से मेरठ का ही डायरेक्ट रास्ता नहीं है। बल्कि इस पर सवार होकर दिल्ली से यूपी के गाजियाबाद, वसुंधरा, वैशाली जाने वाले मुसाफिर सिर्फ चंद मिनटों में ही अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे।
पहला चरण फिलहाल पूरा हो चुका है। सौर ऊर्जा और हैंगिंग गार्डन्स से लैस ये एक्सप्रेसवे पूरी तरह से ग्रीन हाईवे है। जो हिंदुस्तान की राजधानी की आबोहवा को न सिर्फ प्रदूषण से निजात दिलाएगा, बल्कि दिल्ली,यूपी और उत्तराखंड के बीच सिग्नल फ्री सफर भी मुहैया कराएगा।