नई दिल्ली. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, महाराष्ट्र के बाद आज मंगलवार को मिजोरम में भूकंप के झटके महसूस किए गए है। रिक्टर स्केल पर जिसकी तीव्रता 3.7 दर्ज की गई है। लगातार तीन दिनों में राज्य में तीसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। आज शाम 7.17 बजे मिजोरम में आए 3.7 की तीव्रता वाले भूकंप ने सेरछिप जिले में कुछ स्थानों पर तबाही मचाई है। भूकंप का केंद्र जिले के थेनज़ावल शहर के दक्षिण-पूर्व में 39 किलोमीटर की दूरी पर 25 किलोमीटर की गहराई पर था।
पिछले दो महीनों से देश के अलग अलग हिस्से में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। एक तरफ देश जहां कोरोना वायरस से परेशान है तो वहीं दूसरी तरफ लगातार आ रहे भूकंप के झटकों ने लोगों के मन में एक दहशत की पैदा कर दी है।
लगातार भूकंप के आने के कारणों को लेकर भी वैज्ञानिकों में आपसी मतभेद हैं कुछ लोग मानते हैं कि छोटे भूकंप किसी बड़े भूकंप की घटना को टालने में सहायक होते हैं जबकि कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह से आ रहे छोटे भूकंप भविष्य में आने वाले किसी बड़े भूकंप का संकेत हैं।
पूर्वोत्तर में इतिहास के कुछ सबसे बड़े भूकंप आए हैं। वर्ष 1897 8.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र शिलांग था, जबकि 1950 में असम में रिक्टर पैमाने पर 8.7 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके परिणामस्वरूप ब्रह्मपुत्र नदी ने अपना रास्ता बदल दिया था।
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