भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक डॉगी और उसके बच्चों के रेस्क्यू का अनोखा मामला सामने आया है। डॉगी और उसके बच्चों को रेलवे ने 6 घंटे की मेहनत के बाद बचाया, जिसके बाद पूरे इलाके में रेलवे प्रशासन की तारीफ हो रही है। कुत्तों के लिए काम करने वाली संस्थाएं भी रेलवे के इस ऑपरेशन को दूसरों के लिए अनुकरणीय कदम बता रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस डॉगी ने यार्ड में पटरियों के बीच 2 मासूम बच्चों को जन्म दिया था। बच्चों को जन्म देने के बाद वह पटरियों के बीच ही फंस गई।
2 नवंबर की शाम को जब लोगों ने लगातार उसके रोने और चिल्लाने की आवाज सुनी तो उन्होंने रेल मंडल के प्रबंधक उदय बोरवणकर को सूचना दी। इसके बाद DRM ने रेलकर्मियों को मौके पर भेजा लेकिन तब तक काफी अंधेरा हो चुका था। आधी रात को काफी खोजबीन के बाद पता चला कि वहां कुछ जीव फंसे हुए हैं जो बिना पटरियों को हटाए नहीं निकाले जा सकते। इसके बाद पीआरओ आईएस सिद्दीकी के मुताबिक डीआरएम मौके पर पहुंचे और रेलवे की रेस्क्यू टीम को बुलाया और बचाव कार्य शुरू किया ।
दरअसल, डॉगी चलने के कारण लोहे के पैनल्स के बीच अटक गई थी। लोहे के पैनल को हटाने के लिए हाइड्रा मशीन को बुलाया गया और एक-एक करके सभी पैनल्स को हटाया गया। करीब 6 घंटे की मशक्कत के बाद टीम ने उन्हें सही-सलामत बाहर निकाल लिया। इसके बाद जानवरों के डॉक्टर से तीनों की जांच कराई गई जहां जानवरों की देखभाल करने वाले सामाजिक संस्था को सौंप दिया। बताया जा रहा है कि भोपाल रेल मंडल में यह पहली बार है जब इस तरह किसी बेजुबान का रेस्क्यू किया गया हो।
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