नई दिल्ली। जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर हाल में हुए ट्रोन अटैक के बाद देश के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक ऐसी तकनीक को सामने रखा है जो ड्रोन हमलों का तोड़ साबित हो सकती है। DRDO ने D-4 सिस्टम नाम की तकनीक तैयार की है जो 4 किलोमीटर दूरी से ही ड्रोन की आहट को पकड़ लेगी और हमले की साजिश को नाकाम कर देगी।
D-4 सिस्टम नाम की तकनीक से ड्रोन को पकड़ने के लिए तैयार होने वाले उपकरणों के लिए भी DRDO ने कंपनियों का चुनाव कर लिया है और जल्द ही उन्हें तकनीक का ट्रांसफर किया जाएगा। कंपनियों द्वारा तैयार किए जाने वाले ड्रोन रोधी उपकरणों को संवेदनशील जगहों पर लगाया जाएगा।
इस तरह की तकनी को तैयार करने के लिए DRDO पिछले ढाई साल से काम कर रहा था लेकिन हाल में हुए ड्रोन हमलों के बाद इस तरह की तकनीक की जरूरत समझी जा रही थी, और समय पर DRDO ने इस तकनीक की जानकारी दी है। जिन कंपनियों को इस तकनीक का ट्रांसर किया जाएगा उनमें भारत इलेक्ट्रोनिक्स भी शामिल है।
DRDO की वैज्ञानिक जे मंजुला ने बताया कि DRDO तरफ से इस तकनीक का पहले ही परीक्षण किया जा चुका है, उन्होंने कहा कि 15 अगस्त और 26 जनवरी के मौके पर इस तकनीक का इस्तेमाल हुआ था। उन्होंने बताया कि इस तकनीक के उपकरण की पहली खेप 6 महीने में मिलने की संभावना जताई जा रही है
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