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Hindi News भारत राष्ट्रीय DRDO को 10 दिन के अंदर चौथी बड़ी कामयाबी, अर्जुन टैंक से लेजर गाइडेड इंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण

DRDO को 10 दिन के अंदर चौथी बड़ी कामयाबी, अर्जुन टैंक से लेजर गाइडेड इंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण

महाराष्ट्र के अहमदनगर में बृहस्पतिवार को स्वदेश निर्मित लेजर गाइडेड इंटी टैंक मिसाइल (एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। उन्होंने बताया कि मिसाइल का पिछले दस दिनों में इस तरह का दूसरा सफल परीक्षण था।

DRDO sucessfully tests fires indigenous anti tank guided missile from Arjun tank- India TV Hindi Image Source : PTI DRDO sucessfully tests fires indigenous anti tank guided missile from Arjun tank

नयी दिल्ली: महाराष्ट्र के अहमदनगर में बृहस्पतिवार को स्वदेश निर्मित लेजर गाइडेड इंटी टैंक मिसाइल (एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। उन्होंने बताया कि मिसाइल का पिछले दस दिनों में इस तरह का दूसरा सफल परीक्षण था। इसका रेंज पांच किलोमीटर तक है। अधिकारियों ने बताया कि अहमदनगर के बख्तरबंद कोर केंद्र और स्कूल (एसीसीएंडएस) में हथियार का परीक्षण एमबीटी अर्जुन टैंक से मंगलवार को किया गया। 

रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘‘एटीजीएम विस्फोटक प्रतिक्रिया बख्तर से सुरक्षित बख्तरबंद वाहनों को डेढ़ से पांच किलोमीटर के रेंज में पराजित कर सकता है।’’ इसने बताया कि एटीजीएम को कई प्लेटफॉर्म से लांच करने की क्षमता के साथ बनाया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन के 120 एमएम राइफल से इसका तकनीकी परीक्षण जारी है। 

अर्जुन डीआरडीओ की तरफ से विकसित तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक है। एटीजीएम के सफल परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) को बधाई दी है।

बता दें कि इससे पहले बुधवार को भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल की रेंज को बढ़ाया गया है और अब यह 400 किलोमीटर तक की रेंज में अपने टारगेट्स को भेद सकती है। भारत ने इस मिसाइल का परीक्षण डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के पीजे-10 प्रोजेक्‍ट के तहत किया है।

वहीं 10 दिन पहले डीआरडीओ के हाथ एक बड़ी सफलता लगी थी, जहां ओडिशा के बालासोर में स्वदेशी लड़ाकू ड्रोन 'अभ्यास' का सफलापूर्वक ट्रायल हुआ। ये परीक्षण इंटीग्रेटेड टेस्ट रीजन (आईटीआर) से किया गया। इस ड्रोन का इस्तेमाल मिसाइल या फिर विमानों का पता लगाने के लिए भी किया जाता है। साथ ही ये ऑटोपायलट की मदद से अपने टारगेट को आसानी से भेद सकता है।

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