चंडीगढ़. पंजाब के अनुसूचित जाति आयोग ने मीडिया द्वारा नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के लिये 'दलित' शब्द इस्तेमाल किए जाने पर संज्ञान लेते हुए मंगलवार को अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों के लिए इस शब्द का उपयोग नहीं करने का निर्देश दिया। आयोग की अध्यक्ष तेजिंदर कौर ने कहा कि 'दलित' का संविधान या किसी विधान में उल्लेख नहीं है।
कौर ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा, भारत के केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने पहले ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को इस बारे में निर्देश दिया है। उन्होंने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 2018 के एक आदेश का भी उल्लेख किया जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों व उनके अधिकारियों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के सदस्यों के लिए 'दलित' शब्द का उपयोग करने से परहेज करने का निर्देश दिया गया था।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी क्योंकि यह संविधान या किसी विधान में कहीं भी नहीं है। कौर ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने भी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अनुसूचित जाति से संबंधित व्यक्तियों के लिए 'दलित' के बजाय 'अनुसूचित जाति' शब्द का उपयोग करने का निर्देश दिया था। चन्नी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। (Input- Bhasha)
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