डोकलाम में तीन ओर से घिरी चीनी सेना, LAC पर भारतीय सेना तैनात
इससे पहले खबर आई थी कि चीन के इन नापाक चाल को भांपते हुए भारतीय सेना ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। देश की सुरक्षा के लिए बनी सबसे पॉवरफुल कमेटी की गुरुवार को मीटिंग हुई। चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी की इस मीटिंग में तीनों सेना के चीफ आपस में मिले और डोकलाम
नई दिल्ली: डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच पिछले करीब दो महीने से तनातनी जारी है। इस ट्राई जंक्शन पर चीनी सेना को भारतीय सेना ने तीन तरफ से घेर रखा है। इतना ही नहीं इन तीनों दिशाओं में भारतीय सेना चीनी सेना के मुकाबले ऊंचाई पर है। इन सामरिक और सैन्य बढ़त ने डोकलाम में चीन को बुरी तरह उलझा दिया है। इसी कारण चीन भले बार-बार युद्ध की धमकी दे रहा हो लेकिन उसके लिए किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई की राह आसान नहीं है। भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सिर्फ डोकलाम में ही नहीं पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन को किसी कार्रवाई के लिए बड़ी तैयारी करनी होगी। ये भी पढ़ें: ‘नेहरू नहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे देश के पहले प्रधानमंत्री’
इससे पहले खबर आई थी कि चीन के इन नापाक चाल को भांपते हुए भारतीय सेना ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। देश की सुरक्षा के लिए बनी सबसे पॉवरफुल कमेटी की गुरुवार को मीटिंग हुई। चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी की इस मीटिंग में तीनों सेना के चीफ आपस में मिले और डोकलाम से लेकर लद्दाख तक चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की रणनीति बनाई गई। मीटिंग में ये तय हुआ कि सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के 1400 किलोमीटर तक फैले भारत-चीन बॉर्डर पर सेना की तैनाती बढ़ाई जाए।
अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाके को छोड़कर पूरी एलएसी पर फिलहाल भारतीय सेना की सामरिक और सैन्य स्थिति मजबूत है। चीन इस बात से भी परेशान है कि बड़े संसाधन वाला देश होने के बावजूद दोकलम मामले पर चीन को वैश्विक स्तर पर ज्यादा साथ नहीं मिल रहा है।
ये मीटिंग इस मायने में भी काफी अहम है क्योंकि डोकलाम को लेकर चीन लगातार गीदड़भभकी दे रहा है और अब तो हालात ये हो गए हैं कि चीनी मीडिया की ओर से अल्टीमेटम तक जारी किए जा रहे हैं। दरअसल चीन के सरकारी मीडिया की ओर से भारत पर दबाव बनाने की कोशिशों का सिलसिला लगातार जारी है।
चीनी मीडिया की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत और चीन के बीच डोकलाम में गतिरोध बरकरार रहता है तो चीन की तरफ से भारत को सितंबर से पहले अल्टिमेटम जारी किया जा सकता है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में ये बात चीनी नौसेना के पूर्व ऐडमिरल के हवाले से कही गई है।
डोकलाम की बात करें तो चीन के सामने भौगोलिक तौर पर दिक़्क़तें हैं। वहां भारत के पास बढ़त है। चीन अगर ये सोचता है कि वो डोकलाम में आक्रमण करता है। वहां संघर्ष होगा और चीन भारत पर हावी हो जाएगा तो ये होने वाला नहीं है। ये चीन को भी पता है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि चीन कहीं और परेशानी खड़ी नहीं कर सकता है। भारत और चीन सीमा बहुत लंबी है और कई जगह विवाद हैं। जहां चीन के पास बढ़त होगी वो वहां उकसावे की कोशिश करेगा। ये भारत के लिए जोखिम भरा होगा। यहीं से बात बढ़ने की आशंका रहेगी।
बता दें कि डोकलाम को लेकर चीन और भारत के बीच गतिरोध इन दिनों अपने चरम पर है। भारत जहां युद्ध को स्थायी समाधान न बताकर शांति से समस्या के हल की वकालत कर रहा है, वहीं चीन की उकसावे भरी धमकियां बदस्तूर जारी है। चीन के एक प्रमुख अखबार में प्रकाशित संपादकीय में भारत को वक्त रहते हालात सुधारने की नसीहत दी गई है।
चाइना डेली अखबार के संपादकीय में लिखा गया है कि चीन और भारत के बीच युद्ध का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसके साथ ही इसमें लिखा गया है कि भारत को अब जल्द इस दिशा में कोई कदम उठा लेना चाहिए, क्योंकि शांतिपूर्ण समाधान की संभावनाएं खत्म होती जा रही हैं।