नयी दिल्ली। वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के एक समूह ने 'कोविशील्ड' टीके की दो खुराकों के बीच छह से आठ सप्ताह का अंतर रखने का सुझाव देते हुए शुक्रवार को सरकार से मूल कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को दोबारा लागू करने की मांग की। प्रोग्रेसिव मेडिकोज एंड साइंटिस्ट फोरम नामक वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के एक समूह ने शुक्रवार को एक वक्तव्य जारी कर सरकार से मूल कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को लागू कर एस्ट्राजेनेका के 'कोविशील्ड' टीके की दो खुराकों के बीच छह से आठ सप्ताह का अंतर रखने की मांग की है।
वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के समूह ने वक्तव्य में कहा, "केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 'कोविशील्ड' टीके की दो खुराकों के बीच छह से आठ सप्ताह के अंतर को बढ़ाकर 12 से 16 सप्ताह करने की घोषणा न केवल वैज्ञानिक आधार पर असंगत है बल्कि इससे टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के सदस्यों के बीच मतभेदों का भी पता चलता है।"
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को मीडिया में आयी उन खबरों को खारिज कर दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच समय अंतराल बढ़ाने को लेकर कुछ तकनीकी विशेषज्ञों की असहमति थी। मंत्रालय ने कहा कि टीके की दो खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने का फैसला वैज्ञानिक आधार पर लिया गया था। गौरतलब है कि टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की सिफारिशों के आधार पर केन्द्र सरकार ने 13 मई को कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच 12 से 16 सप्ताह का अंतर रखे जाने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी थी।
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