नई दिल्ली: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पुलिस ने एक ऐसे दंपत्ति को गिरफ्तार किया है जो कुंवारी और नाबालिग लड़कियों की डिलीवरी कराके गैरकानूनी तरीके से उनके नवजात बच्चे को बेचने का रैकेट चलाते थे। डिलीवरी के बाद नवजात बच्चों को ये आठ लाख से दस लाख रुपये में बेच देते थे। मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित धंधे में शामिल कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है। कोल्हापुर के इचलकरंजी के जवाहर नगर इलाके में जनरल सर्जिकल मेटर्निटी नामक ये अस्पताल आरोपी डॉक्टर पिछले करीब 25 सालों से चला रहा है और इसी अस्पताल की आड़ में ये पैसे कमाने के लिए ऐसा गोरखधंधा करता था जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे।
ये शातिर पहले तो कुवांरी और नाबालिग लड़कियों का ब्रेन वॉश करता था और जब लड़कियां पूरी तरीके से इनके संपर्क में आ जातीं तो ये उनकी गैरकानूनी तरीके से डिलीवरी कराके उनके बच्चे को बेच देता था। आरोपी ने इसके लिए एक रैकेट चला रखा था जिसके ज़रिए ये लड़का पैदा होने पर 10 लाख रुपये में बच्चे को बेच देता था जबकि लड़की होने पर बच्ची की कीमत 8 लाख रुपये रखी गई थी। केवल कोल्हापुर ही नहीं बल्कि आरोपी डॉक्टर ने महाराष्ट्र के कई इलाकों में अपने एजेंटों को तैनात कर रखा था जो नाबालिग लड़कियों को अपना शिकार बनाते थे और गैरकानूनी तरीके से डिलीवरी करके अलग अलग राज्यों में बच्चों को बेच देते थे।
रैकेट का मुख्य सरगना अरुण बी. पाटील है जो एक होमियोपैथिक डॉक्टर भी है और अब पुलिस की गिरफ्त में है। हालांकि इस गैरकानूनी काम में वो अकेला नहीं था बल्कि उसने कई गायनोकोलॉजिस्ट की एक टीम बना रखी थी। यही डॉक्टर अस्पताल में गैरकानूनी तरीके से डिलीवरी कराते थे। पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के साथ उसकी पत्नी और अस्पताल में काम करने वाले दो लोगों को भी गिरफ्तार किया है।
इस डॉक्टर के गैरकानूनी काम के बारे में जब सेंट्रल ऑपरेशन अथॉरिटी को ख़बर लगी तो पुलिस के साथ मिलकर सीओए की टीम अस्पताल में छापेमारी करने पहुंची जहां से आरोपी डॉक्टर सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया। मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब आगे की जांच में जुटी है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बच्चा बेचने के बाद ये आरोपी डॉक्टर किन-किन लोगों को इसका हिस्सा दिया करता था।
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