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क्या हवा में भी जिंदा रहता है कोरोना वायरस? जानिए चीन और अमेरिका में बैठे भारतीय डॉक्टरों की राय

कोरोना वायरस हवा से फैल सकता है या नहीं? इंडिया टीवी ने इस सवाल का जबाव चीन और अमेरिका में रह रहे उन भारतीय डॉक्टरों से लेने की कोशिश की जो इस समय कोरोना वायरस की समस्या से सबसे ज्यादा जूझ रहे हैं और जूझ चुके हैं।

Do coronavirus spread in air? Here is the view of Doctors from China and US- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Do coronavirus spread in air? Here is the view of Doctors from China and US

नई दिल्ली। क्या कोरोना वायरस का जीवाणू हवा में भी रह सकता है और हवा में फैलकर लोगों को संक्रमित कर सकता है? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब पूरी दुनिया के लोग जानना चाह रहे हैं। दुनियाभर में कोरोना वायरस की शुरुआत चीन में हुई है और इस समय पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में बढ़ रहे हैं। ऐसे में कोरोना वायरस हवा से फैल सकता है या नहीं? इंडिया टीवी ने इस सवाल का जबाव चीन और अमेरिका में रह रहे उन भारतीय डॉक्टरों से लेने की कोशिश की जो इस समय कोरोना वायरस की समस्या से सबसे ज्यादा जूझ रहे हैं और जूझ चुके हैं।

इंडिया टीवी ने पहले अमेरिका में काम कर रहे भारतीय डॉक्टर अमितेश आनंद से सवाल पूछा कि कोरोना वायरस का जीवाणू क्या हवा में भी जिंता रहता है और क्या यह हवा के जरिए भी संक्रमण फैला सकता है? इसके जवाब में डॉक्टर अमितेश आनंद ने बताया कि जब भी कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके नाक या मुंह से जो छींटे आते हैं वे या तो वे ड्रापलेट होते हैं या फिर एयरोसॉल, डॉक्टर अमितेश ने बताया कि ड्रापलेट का आकार बड़ा थोड़ा बड़ा होता है और एयरोसॉल का साइज इतना छोड़ा होता है कि वह हवा में बहुत जल्दी नीचे नहीं आता और लटका रहता है। अगर कोई भी वायरस अगर एयरोसॉल से फैलेगा तो वह हवा में देर तक रहेगा जिससे संक्रमण की आशंका ज्यादा रहती है।

लेकिन डॉक्टर अमितेश ने यह भी बता कि कोरोना वायरस के मामले में अच्छी बात ये है कि इसके एयरोसॉल के जरिए फैलने की आशंका बहुत कम है। डॉक्टर अमितेश आनंद ने कहा कि कुछ ऐसी मतभेद की रिपोर्ट्स भी आई हैं जो कहती हैं कि कोरोना वायरस के एयरोसॉल के जरिए फैलने की थोड़ी बहुत आशंका है, लेकिन ज्यादातर रिपोर्ट यही कह कही हैं कि इसकी आशंका नहीं है।

हालांकि इंडिया टीवी ने जब यही सवाल चीन में काम कर रहे भारतीय डॉक्टर संजीब चौबे से पूछा तो उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का जीवाणू 15-20 मिनट तक हवा में रह सकता है, इससे ज्यादा यह हवा में जिंदा नहीं रहता, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह ड्रॉपलेट इन्फेक्शन है न कि एयरोसॉल इन्फेक्शन। संजीव चौबे ने बताया कि हवा के जरिए कोरोना वायरस का फैलना इस बात पर निर्भर करता है कि इसके पॉजिटिव मामलों की संख्या कितनी है। उन्होंने बताया कि चीन में बहुत ज्यादा मामले थे और ऐसे में वहां पर लोगों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया गया जिस वजह से वहां पर इसको तेजी से काबू करने में मदद मिली। संजीव चौबे ने बताया कि अमेरिका और यूरोप में ऐसा कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मास्क जरूरी नहीं है, लेकिन उन देशों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी भी हुई है।

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